ईसाई बिशप ने भारत में धार्मिक आजादी नहीं होने के आरोपों को किया खारिज, कही ये बातें
केरल में मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के एक पादरी (बिशप) ने बुधवार को कहा कि निहित स्वार्थों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनावश्यक दुष्प्रचार में दावा किया गया है कि भारत में ईसाई समुदाय का उत्पीड़न किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक महान राष्ट्र का अपमान करने के समान है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
त्रिसूर (केरल): केरल में मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के एक पादरी (बिशप) ने बुधवार को कहा कि निहित स्वार्थों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 'अनावश्यक दुष्प्रचार' में दावा किया गया है कि भारत में ईसाई समुदाय का उत्पीड़न किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक महान राष्ट्र का अपमान करने के समान है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के बिशप गीवरगीस मार यूलियोस ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सभी धार्मिक समूहों के सांप्रदायिक संगठन हैं लेकिन धर्मों और ऐसे संगठनों का अंतिम लक्ष्य भिन्न है।
उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थ से यह प्रचारित किया जा रहा था कि देश में धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है और ईसाई समुदाय पर व्यापक हमले हो रहे हैं।
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उन्होंने कहा, 'मुझे विदेश से फोन आते थे कि वहां (भारत में) क्या हो रहा है...क्या लोग मारे जा रहे हैं, आदि आदि। निस्संदेह, भारत एक बड़ा देश है। छिटपुट स्थानों पर कुछ नाराजगी हो सकती है। इससे कानूनी तरीके से निपटा जाना चाहिए। आवश्यक हुआ तो विरोध प्रदर्शन भी किया जाना चाहिए।’’
बिशप ने कुछ समय पहले गुजरात में ननों के उत्पीड़न के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि बाद में साबित हुआ कि आरोपी फर्जी पहचान पत्र के जरिए भारत में घुस आए थे।
उन्होंने कहा, 'जब वे पकड़े गए, तो वे विहिप कार्यकर्ता या इसी तरह के अन्य लोग नहीं थे। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि विहिप अच्छा है।'
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उनकी यह टिप्पणी अहम है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केरल में ईसाई समुदाय तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस क्रम में भाजपा ने ईस्टर दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें पार्टी नेतागण अल्पसंख्यक समुदाय तक पहुंचने के प्रयास के तहत ईसाई लोगों के घरों तक गए थे।
यूलियोस हाल ही में सुर्खियां में थे जब उन्होंने कहा था कि देश के सभी आंतरिक मुद्दों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोषारोपण नहीं किया जा सकता ।