भारत में निजी क्षेत्र के निवेश को लेकर सीआईआई अध्यक्ष का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश का मानना है कि निजी क्षेत्र के निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख क्षेत्रों में क्षमता इस्तेमाल पहले ही 80 प्रतिशत को पार कर चुका है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, ऐसे में निजी क्षेत्र के निवेश में बढ़ोतरी निश्चित है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश का मानना है कि निजी क्षेत्र के निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख क्षेत्रों में क्षमता इस्तेमाल पहले ही 80 प्रतिशत को पार कर चुका है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, ऐसे में निजी क्षेत्र के निवेश में बढ़ोतरी निश्चित है।
उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस सप्ताह अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मार्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा।
यह पूछे जाने पर कि सरकार निवेश बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों पर दबाव क्यों बना रही है, सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि 2016 से 2019 के बीच की अवधि वृद्धि के लिए अच्छी नहीं थी और 2020 में कोविड महामारी थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘परिस्थितियां हमारे नियंत्रण से बाहर थीं, जिससे मांग प्रभावित हुई। हम कोविड से बहुत तेजी से उबरे हैं।’’
यह भी पढ़ें |
Supreme Court: युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के लिए राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
उन्होंने कहा कि अब सुधार के संकेत दिख रहे है।
सीआईआई के वार्षिक सीईओ सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों ने 75 प्रतिशत क्षमता उपयोग को पार कर लिया है और सीमेंट, इस्पात, रसायन और मशीनरी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उस मुकाम पर हैं, जहां निजी क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’’ उन्होंने सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल 25.7 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई गईं। इससे पिछले साल यह आंकड़ा 14.3 लाख करोड़ रुपये था।
पिछले साल सितंबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग से यह पूछा था कि जब विदेशी निवेशक भारत के प्रति विश्वास दिखा रहे हैं तो उन्हें विनिर्माण क्षेत्र में निवेश करने से क्या रोक रहा है।
यह भी पढ़ें |
Power Industry: गोयल ने बिजली उद्योग से बड़े निर्यात लक्ष्य तय करने को कहा
निवेश कब होगा यह पूछे जाने पर दिनेश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपको जल्द ही इसका जवाब मिल जाएगा.. अब हम इसे देख रहे हैं।’’
दबाव के बारे में पूछे जाने पर दिनेश ने कहा कि वैश्विक स्तर पर विश्व अर्थव्यवस्था स्वयं समस्याओं का सामना कर रही है और वर्तमान में दुनिया का कोई अन्य देश अपनी सामान्य वृद्धि दर के करीब नहीं है।
उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मुझे लगता है कि हमारे लिए एकमात्र बड़ी चिंता मानसून पर अल नीनो प्रभाव की है।
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अल नीनो का मतलब यह नहीं है कि वृद्धि दर कम होगी।