कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाये ये गंभीर आरोप, जानिये कर्नाटक में अन्न भाग्य योजना को लेकर क्या कहा
कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्नाटक में उसकी अन्न भाग्य योजना को ‘‘नाकाम’’ कर रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्नाटक में उसकी अन्न भाग्य योजना को ‘‘नाकाम’’ कर रही है।
पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘चाहे कुछ भी हो’’ कर्नाटक की कांग्रेस सरकार 10 किलोग्राम मुफ्त चावल वितरण की अपनी योजना को जल्द से जल्द लागू करेगी।
विपक्षी दल ने यह भी सवाल किया कि जब कांग्रेस द्वारा घोषित अन्न भाग्य योजना के माध्यम से 10 किलो मुफ्त चावल की गारंटी को ‘‘नाकाम’’ किया जा रहा है तो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ‘रेवड़ी’ क्यों नहीं है ।
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कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान में आरोप लगाया कि यह कर्नाटक के दुर्भाग्य के अलावा और कुछ नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘राज्य के गरीबों को उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मतदान करने के वास्ते दंडित कर रहे हैं।’’
रमेश ने कहा कि एक जनवरी, 2023 से 24 मई, 2023 तक भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने मुक्त बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत सभी राज्य सरकारों द्वारा खरीदे गए चावल का, अकेले कर्नाटक में 95 प्रतिशत से अधिक चावल 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा। उन्होंने कटाक्ष किया कि संभवतः ‘‘मोदी-जी के आशीर्वाद’’ से ऐसा संभव हुआ।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ जैसे ही कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी तो भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की धमकी के अनुसार इस ‘आशीर्वाद’ को तुरंत वापस ले लिया गया।’’
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रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा अन्यथा किए गए दावों के बावजूद, अब यह ‘‘बिल्कुल स्पष्ट’’ है कि केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय द्वारा राज्यों के लिए खाद्यान्न वितरण संबंधी ‘ओएमएसएस (डी)’ को बंद करने का 13 जून का आदेश मुख्य रूप से एक ही राज्य कर्नाटक को लक्षित करके दिया गया है जबकि इस वर्ष योजना के तहत राज्य सरकारों द्वारा खरीदे गए कुल चावल का 95 प्रतिशत से अधिक कर्नाटक द्वारा खरीदा गया है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के एफसीआई महाप्रबंधक ने 12 जून को चावल की बिक्री के अपने पहले के आदेश को 14 जून को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जयराम रमेश ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, 23 जून, 2023 को एक प्रेसवार्ता में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने कहा कि शर्तें ऐसी रखी जाएंगी कि निजी व्यापारी दूसरे राज्य को नहीं बेच सकते। क्या यह स्पष्ट तौर पर ‘साजिश’ का मामला नहीं है।’’