पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ‘ढकोसला पत्र’ दिया करार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए इसे पार्टी की तरह ही भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ‘ढकोसला पत्र’ करार दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..
पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए इसे पार्टी की तरह ही भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ‘ढकोसला पत्र’ करार दिया है। लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के तहत बुधवार को यहां रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र नहीं ‘ढकोसला पत्र’ जारी किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरह ही उसका घोषणा पत्र भ्रष्ट और झूठ का पुलिंदा है। पीएम ने कहा कि 2004 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने 2009 तक देश के एक-एक घर में बिजली पहुंचाने का वादा किया था, किंतु तत्कालीन मनमोहन सरकार 2014 तक 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण नहीं कर सकी थी। उन्होंने कहा कि जो लोग देश का अपमान करते हैं, ऐसे लोगों से कांग्रेस सहानुभूति रखती है। भारत के संविधान को जो लोग नहीं मानते, उनके खिलाफ देशद्रोह कानून है, लेकिन कांग्रेस ने घोषणापत्र में इसे खत्म करने का वादा किया है।
यह भी पढ़ें |
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के 'पीएम मोदी की बायोपिक पर रोक' वाले आदेश पर हस्तक्षेप से किया इनकार
एक तरफ इरादों वाली सरकार है, दूसरी तरफ सिर्फ और सिर्फ झूठे वादों वाले नामदार हैं।
— BJP (@BJP4India) April 3, 2019
इन लोगों की तरह ही इनका घोषणा पत्र भी भष्ट होता है, बेइमान होता है, ढकोसलों से भरा होता है।
इसलिए उसे घोषणा पत्र नहीं 'ढकोसला पत्र' कहना चाहिए: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi #DeshKeLiyeModi pic.twitter.com/W43d1oI6Rb
यह भी पढ़ें |
बाराबंकी में 'योगी' के साथ मंच से बोले अखिलेश यादव.. चौकीदार और ठोकीदार दोनों को हटाना जरूरी
कांग्रेस ने गत मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को हर साल न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ के तहत 72 हजार रुपये उनके खातों में हस्तांतिरत करने, केंद्र और राज्य सरकारों में खाली पड़े करीब 34 लाख रिक्तियों को भरने, किसानों के लिए अलग से बजट, नीति आयोग के स्थान पर योजना आयोग फिर बनाने और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) जैसे कानून में बदलाव के वादे किये गये हैं। (वार्ता)