‘सोना तस्करी’ से जुड़ी मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री विजयन पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक दिन पहले केरल के त्रिशूर में विवादित सोना तस्करी के मामले को उठाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ ‘एक समझ’ के कारण कार्रवाई करने में नाकाम रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली/ तिरुवनंतपुरम: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक दिन पहले केरल के त्रिशूर में विवादित सोना तस्करी के मामले को उठाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ ‘एक समझ’ के कारण कार्रवाई करने में नाकाम रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मोदी ने बुधवार को त्रिशूर में महिलाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हर कोई जानता है कि किसका कार्यालय सोने की तस्करी में लिप्त था।
त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर कोच्चि के सीमा शुल्क (निवारक)आयुक्तालय द्वारा एयर कार्गो के एक राजनयिक बैग से पांच जुलाई, 2020 को 30 किलोग्राम सोना बरामद किया गया था।
सोने की यह खेप संयुक्त अरब अमीरात से आए एक बैग में पाई गई जिस पर राजनयिक सामान होने का संकेत करने वाला निशान था। ऐसे बैग को वियना समझौते के अनुसार जांच से छूट प्राप्त है।
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इस मामले के सिलसिले में विजयन के तत्कालीन प्रधान सचिव एम शिवशंकर को गिरफ्तार किया गया था। नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि अगर उन्हें यकीन है कि उस विशेष कार्यालय का कोई व्यक्ति सोने की तस्करी में शामिल था तो उन्होंने इस मुद्दे को क्यों जाने दिया।
इस बीच, केपीसीसी प्रमुख के. सुधाकरन ने कहा कि सोना तस्करी मामले की जानकारी होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
सतीसन ने पूछा, ‘‘सोने की तस्करी में संलिप्तता की जानकारी होने के बावजूद केंद्रीय एजेंसियां संबंधित कार्यालय पर छापा मारने में क्यों विफल रहीं? केंद्रीय एजेंसियों ने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जांच क्यों बंद कर दी।’’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां सभी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य मंत्रियों के कार्यालयों पर छापेमारी कर रही हैं, लेकिन उन्होंने केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ शांति समझौता कर लिया है।
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सतीसन ने आरोप लगाया, ‘‘माकपा और भाजपा, दोनों का साझा एजेंडा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कांग्रेस केरल में सत्ता में ना आए। प्रधानमंत्री के कल भाषण के भाषण से यह स्पष्ट था।’’