कांग्रेस जारी रखेगी जेपीसी की मांग, जानिये संसद में गतिरोध खत्म करने को लेकर क्या बोली पार्टी
कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि संसद के मौजूदा बजट सत्र में दोनों सदनों में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया और ऐसे में अडाणी समूह के मामले में विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग सोमवार को भी करेंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि संसद के मौजूदा बजट सत्र में दोनों सदनों में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया और ऐसे में अडाणी समूह के मामले में विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग सोमवार को भी करेंगे।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जेपीसी की मांग को लेकर 19 विपक्षी दल एकजुट हैं। सोमवार को भी यह मांग जारी रहेगी।’’
रमेश का कहना था, ‘‘(गतिरोध खत्म करने के लिए) कोई बीच का रस्ता नहीं निकला है। सरकार और विपक्ष के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की ओर से एक-एक प्रयास किया गया है, लेकिन सरकार ने किसी समझौते पर पहुंचने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है।’’
यह भी पढ़ें |
संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए कोई बीच का रास्ता नहीं, जेपीसी की मांग पर समझौता नहीं हो सकता: रमेश
उन्होंने कहा, ‘‘सभापति ने राजनीतिक दलों की बैठक में कहा कि रास्ता निकालिये, समझौता करिये। उन्होंने यह नहीं बताया कि समझौते का फार्मूला क्या होगा।’’
उल्लेखनीय है कि 13 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान अभी तक दोनों सदनों ने जम्मू कश्मीर के बजट तथा वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनि मत से मंजूरी दी है।
बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरुआती कुछ दिनों में सत्ता पक्ष ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में भारत के लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनसे माफी की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। बाद में सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद 24 मार्च को लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना जारी की गयी।
यह भी पढ़ें |
कांग्रेस ने अडाणी समूह पर लगाया इस देश की कंपनी से गठजोड़ का आरोप, जानिये क्या कहा
विपक्ष अडाणी मामले में जेपीसी गठित किए जाने की मांग पर बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही सरकार पर दबाव बनाए हुए है।