पटना में विपक्षी दलों की बैठक से पहले कांग्रेस का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा पीएम पद के चेहरे को लेकर
कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करने का मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह जरूरी है ।पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करने का मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह जरूरी है कि विपक्षी पार्टियां जल्द एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करें और इसके आधार पर आगे बढ़ें।
उनका यह भी कहना था कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’’ को सत्ता से हटाने के बाद नेतृत्व के सवाल को सामूहिक रूप से सुलझाया जा सकता है।
सिंह ने दावा किया कि जब विपक्षी दल एकजुट होकर अगले साल होने वाले आम चुनाव लड़ेंगे तो भारतीय जनता पार्टी 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का यह बयान वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा-विरोधी मोर्चे की रूपरेखा तैयार करने के लिए विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को होने वाली अहम बैठक से पहले आया है।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी एकता का मुख्य स्तंभ है और यहां होने जा रही बैठक एवं आगे अन्य बैठकों में राजनीतिक दलों के बीच छोटे-मोटे मतभेदों को दूर कर लिया जाएगा।
उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक के संदर्भ में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सभी नेता साथ बैठेंगे, आगे बढ़ने के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान निकलेगा।’’
यह भी पढ़ें |
लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ अगले माह पटना में जुटेंगे विपक्षी नेता, ममता बनर्जी को लेकर जानिये ये बड़ा अपडेट
विपक्ष के पास प्रधानमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं होने संबंधी भाजपा की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘मैं आपको 2004 में ले जाना चाहूंगा, जब मनमोहन सिंह हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बिना एक गठबंधन के साथ भाजपा को हराया था और जब (अटल बिहारी) वाजपेयी हार गये तो मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने और 10 साल लगातार इस पद पर रहे।’’
उन्होंने कहा कि (प्रधानमंत्री पद के लिए) चेहरा बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, सभी विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।
राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि भाजपा 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी।’’
सिंह के मुताबिक, फिलहाल प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा तय करना प्राथमिकता नहीं है।
उनका कहना है कि भाजपा इस आधार पर सोच सकती है, लेकिन कांग्रेस ने कर्नाटक में भी इस रणनीति पर अमल नहीं किया और वहां बिना चेहरा घोषित किये चुनाव लड़ा। हिमाचल प्रदेश में भी चेहरा घोषित नहीं किया गया था।
राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए कांग्रेस के भीतर उठ रही आवाज के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘क्या राहुल जी चेहरा होंगे, वह किसी को चेहरा बनाएंगे या कोई दूसरा चेहरा बनेगा, ये सब चीजें फिलहाल जरूरी नहीं हैं। फिलहाल यह जरूरी है कि भाजपा-आरएसएस को सत्ता से हटाया जाए। इसके बाद हम प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय कर सकते हैं।’’
यह भी पढ़ें |
लोकसभा चुनाव से पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर तृणमूल कांग्रेस का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा
विपक्षी दलों में मतभेद संबंधी भाजपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कुछ छोटे मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन उनका समाधान निकाल लिया जाएगा।
उनके मुताबिक, सभी विपक्षी दल परिपक्व हैं और वे इस बात से सहमत हैं कि भाजपा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ को पराजित करने के लिए एकजुट होने की जरूरत है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस भाजपा विरोधी गठबंधन में मुख्य स्तंभ होगी तो सिंह ने कहा, ‘‘मुझे यह कहने की जरूरत नहीं हैं। सभी विपक्षी नेता समझते हैं कि कांग्रेस की सभी राज्यों में मौजूदगी है, इसलिए कांग्रेस के बिना कोई भी गठबंधन कैसे हो सकता है।’’
इससे जुड़ा सवाल फिर पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कांग्रेस मुख्य स्तंभ होगी नहीं, पहले से है।