न्यायालय ने दवाओं का भंडारण करने की आरोपी चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा रद्द किया

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने बिक्री के लिए दवाओं का भंडारण करने की आरोपी महिला चिकित्सक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा बुधवार को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि जब्त की गयी दवा की मात्रा ‘‘अत्यधिक कम’’ है और इतनी मात्रा में दवाएं किसी भी चिकित्सक के घर या उसके परामर्श कक्ष में आसानी से पाई जा सकती हैं।

मुकदमा (फाइल फोटो)
मुकदमा (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बिक्री के लिए दवाओं का भंडारण करने की आरोपी महिला चिकित्सक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा बुधवार को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि जब्त की गयी दवा की मात्रा ‘‘अत्यधिक कम’’ है और इतनी मात्रा में दवाएं किसी भी चिकित्सक के घर या उसके परामर्श कक्ष में आसानी से पाई जा सकती हैं।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दवाओं की मात्रा कम होने पर विचार करते हुए महज कल्पना के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि इनका बिक्री के लिए भंडारण किया गया होगा। इनमें से ज्यादातर दवाएं लोशन और मरहम के रूप में थी।

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उसने कहा कि अपीलकर्ता एक वरिष्ठ चिकित्सक हैं जो चेन्नई में एक सरकारी चिकित्सा कॉलेज में त्वचा विज्ञान विभाग के प्रमुख और सहायक प्रोफेसर हैं।

न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, ‘‘जब एक पंजीकृत चिकित्सक के परिसर में कम मात्रा में दवाइयां पायी जाती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें किसी दुकान में बेचा जाएगा।’’

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पीठ ने मद्रास उच्च न्यायलय के जून 2022 के आदेश के खिलाफ चिकित्सक की याचिका पर अपना फैसला दिया। उच्च न्यायालय ने आपराधिक मुकदमा रद्द करने का अनुरोध करने वाली चिकित्सक की याचिका खारिज कर दी थी।










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