गोरक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख, केंद्र सहित 6 राज्यों से मांगा जवाब
अलवर में गोरक्षा के नाम पर एक शख्स की हत्या का मामला गर्माता जा रहा है। सड़क से लेकर संसद तक जहां इसे मुद्दा बनाया जा रहा है वही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी गोरक्षकों को लेकर सख्त रुख अपनाया है और तीन हफ्ते में गुजरात, राजस्थान समेत 6 राज्यों से जवाब मांगा है।
नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर हुई गुंडागर्दी और उसमें एक शख्स की मौत के एक सप्ताह बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और छह राज्य सरकारों से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले ऐसे संगठनों पर बैन क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। केंद्र सहित जिन राज्यों को नोटिस जारी किया गया है उनमें राजस्थान, झारखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं जिन्हे अपने जवाब तीन हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट को देने है। मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी। कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला की याचिका पर कोर्ट ने ये नोटिस जारी किए हैं।
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पूनावाला की याचिका में कथित तौर पर गोहत्या और गोतस्करी के दस मामलों में हुई हिंसा का जिक्र किया गया है। इनमें हाल में राजस्थान के अलवर में हुई घटना के अलावा 2015 में यूपी में हुए दादरी कांड और गुजरात के ऊना में पिछले साल दलितों पर हुए हमले का मामला भी शामिल है।
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याचिका में गोरक्षक दलों की तुलना आतंकी संगठन सिमी से करते हुए कहा गया है कि अल्पसंख्यकों और दलितों के बीच ऐसे गोरक्षक दलों का बहुत खौफ है इसलिए उन पर उसी तरह बैन लगाया जाना चाहिए जैसे सिमी पर लगाया गया था।