Crime in UP: फर्जी कंपनी, फर्जी दस्तावेज और असली बैंक लोन, करोड़ों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, एक गिरफ्त्तार

डीएन ब्यूरो

नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के कथित सदस्य को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया जिसने केवल कागजों पर मौजूद कंपनियों और कर्मचारियों के नाम पर बैंकों से ऋण लेकर 23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नोएडा: नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के कथित सदस्य को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया जिसने केवल कागजों पर मौजूद कंपनियों और कर्मचारियों के नाम पर बैंकों से ऋण लेकर 23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।

पुलिस के अनुसार उक्त गिरोह के एक सदस्य को थाना फेस- वन पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि यह गिरोह फर्जी दस्तावेज के आधार पर अलग-अलग व्यक्तियों के पहचानपत्रों की सहायता से प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बनाता था और बैंकों में फर्जी खाता खोलकर बैंकों से धोखाधड़ी करके ऋण लेता था। पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने इस तरह बैंकों से 23 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है।

थाना फेस-वन के प्रभारी निरीक्षक ध्रुव भूषण दुबे ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद रफी उर्फ रफीक (31) है। उन्होंने बताया कि इसके पास से पुलिस ने एक फिंगर प्रिंट डिवाइस, डाटा केबल, आई स्केनर आदि बरामद किया है।

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उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी द्वारा विभिन्न लोगों के फर्जी नाम से आधार कार्ड बनवाकर, फर्जी नाम के आधार से पैन कार्ड बनाकर और उसकी सहायता से आरओसी में कंपनी पंजीकृत करवाकर, विभिन्न अन्य लोगों के फर्जी आधार कार्ड और पैनकार्ड बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाता था।

उन्होंने बताया कि यह गिरोह इस प्रकार खोले गए खातों में फर्जी कंपनी के खाते से वेतन के रूप में धन अंतरित करता था और उस धन को एटीएम से निकाल कर पुनः उसी कंपनी के खाते में जमा कर देता था।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार छह-सात महीने वेतन देने पर ऐसा खातेदार ऋण के लिए योग्य हो जाता है और तब ये लोग ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन करके तथा कई अन्य फाइनेंस कंपनियों से कार, मोबाइल व अन्य वस्तुएं के लिए ऋण मंजूर करवाते थे। उन्होंने बताया कि आरोपी ऋण के रूपयों को एटीएम के माध्यम से निकालकर और फाइनेंस की वस्तुओं को गबन करके बैंक को वापस नहीं करते थे। उन्होंने बताया कि ये लोग इसलिए पकड़ में नहीं आते थे क्योंकि इनके नाम पते सब गलत होते थे। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के लोगों ने अब तक 23 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन करना स्वीकार किया है।

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थाना प्रभारी ने बताया कि इस गिरोह के अभिनव शर्मा, संजीव कुमार, विमल सिंह को थाना फेस-वन पुलिस ने 12 मई, 2023 को गिरफ्तार किया था।










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