Crime in Uttar Pradesh: फर्जी कॉल सेंटर पर पुलिस का बड़ा एक्शन, जानें क्या की कार्रवाई
उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर एक फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़ किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नोएडा: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर एक फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़ किया है जिसकी मदद से तकनीकी सहायता के नाम पर कथित तौर पर विदेशियों के साथ साइबर ठगी की जाती थी। जिला पुलिस प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नोएडा सेक्टर-59 स्थित एक इमारत से चल रहे फर्जी कॉलसेंटर पर छापेमारी कर वहां काम कर रहे 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों से 34 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, चार इंटरनेट राउटर, 22 कंप्यूटर समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।
प्रवक्ता के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी गिरोह बनाकर गत कई महीने से विदेशियों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि लखनऊ एसटीएफ और कोतवाली सेक्टर 58 पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार रात को गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की।
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प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे खुद को निजी कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर विदेशियों से संपर्क करते थे और उनकी तकनीकी समस्याओं के समाधान करने की बात कहते थे।
उन्होंने बताया, ‘‘ ठग भोले-भाले विदेशियों को बताते थे कि उनके कंप्यूटर या उनके आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते से छेड़छाड़ की गई है और समस्याओं को ठीक करने का भरोसा देते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद वे अपने लक्ष्य के कंप्यूटर को समस्या दूर करने के वास्ते अपने नियंत्रण में लेने के लिए एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते थे। आरोपियों ने प्रमुख ऑनलाइन ब्रांड के लिए 100 अमेरिकी डॉलर से 500 अमेरिकी डॉलर के बीच उपहार कार्ड के रूप में भुगतान लिया।’’
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान जयंत लाल, माणिक सिवाच, मोहम्मद सबिर, शिव कश्यप, मोहित ग्रोवर, आदिल रिजवी, दिव्यम शर्मा, रितिक मल्होत्रा, सक्षम मल्होत्रा, हिमांशु भारद्वाज, रोहित यादव, अंकुर सोनी, कैलाश शाही, फिरोज आलम, भूपेन्द्र सिंह यादव, अफरोज खान, युधिष्ठिर कुमार, मनीष तिवारी, गौतम सहगल, यश मक्कड़, अनुभव त्यागी, संजीत, चंद्रपाल सिंह, नीरज यादव और नदीम के तौर पर की गई है।
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उन्होंने बताया कि घोटाले से जुड़े कुछ अन्य लोग फरार हैं लेकिन उनकी पहचान कर ली गई है।
मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (पहचान बदलकर धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471 (सभी जालसाजी से संबंधित) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि यह फर्जी कॉल सेंटर करीब दस महीने से चल रहा था। इस गिरोह का सरगना साजिद शाहिदी फरार है। उन्होंने बताया कि साजिद ने ही इस फर्जी कॉल सेंटर की शुरुआत की और कमीशन पर युवक युवतियों को टेली कॉलिंग के लिए रखता था।