हरिद्वार में बाढ़ के पानी के साथ मगरमच्छ भी आबादी क्षेत्रों तक पहुंचे
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर और खानपुर क्षेत्र के लोग पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश के कारण उफनाई नदियों से बाढ़ के पानी के साथ ही मगरमच्छों के भी आबादी वाले इलाकों का रूख करने से दहशत में हैं।
हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर और खानपुर क्षेत्र के लोग पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश के कारण उफनाई नदियों से बाढ़ के पानी के साथ ही मगरमच्छों के भी आबादी वाले इलाकों का रूख करने से दहशत में हैं।
इन क्षेत्रों के तीन दर्जन से अधिक बाढ़ग्रस्त गांवों में गंगा की सहायक नदियों—बाण गंगा और सोनाली नदी के पानी के साथ आ रहे मगरमच्छों को पकड़कर वन विभाग की टीम वापस नदियों में छोड़ रही है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब एक दर्जन मगरमच्छों को आबादी वाले इलाको से पकड़कर मुख्य नदियों मे छोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, मगरमच्छों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने लक्सर और खानपुर क्षेत्रों में 25 कर्मचारियों की एक टीम तैनात कर दी है जो 24 घंटे उपलब्ध है।
पिछले करीब एक सप्ताह से भारी बारिश की वजह से गंगा नदी में अधिक पानी आने से लक्सर और खानपुर क्षेत्रों में जलजमाव हो गया है जबकि सोनाली नदी का एक तटबंध टूटने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले सप्ताह बाढ़ प्रभावित गावों में राफ्टिंग बोट तथा ट्रैक्टर पर बैठकर इन इलाकों का निरीक्षण करके हालात का जायजा लिया था। सोमवार को लक्सर के कुछ क्षेत्रों में जलभराव में कमी आई लेकिन मंगलवार तड़के से हुई मूसलाधार बारिश से लक्सर के मुख्य बाजार सहित अन्य क्षेत्रों में फिर से पानी भर गया।
लक्सर और खानपुर के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ के पानी के साथ बहकर आ रहे मगरमच्छ लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं।
अमित गिरी नाम के एक युवक ने बताया कि पिछले दिनों खानपुर के खेड़ीकलाँ गावं में एक ग्रामीण के घर के बाथरूम में एक विशालकाय मगरमच्छ घुस आया जिसे वन विभाग की टीम ने पकड़कर वापस नदी में छोड़ दिया था।
हरिद्वार के प्रभागीय वन अधिकारी नीरज शर्मा ने 'पीटीआइ-भाषा' को बताया कि बाण गंगा और सोनाली नदी में बहुतायत में मगरमच्छ पाए जाते हैं जो बाढ़ के पानी के साथ आबादी वाले क्षेत्रों में आ गये थे। उन्होंने कहा कि ज़ब पानी थोड़ा कम हुआ तो ज्यादातर मगरमच्छ वापस नदियों में चले गये जबकि पानी कम होने पर कुछ मगरमच्छ नजर आने लगे।
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शर्मा ने बताया कि अभी तक विभिन्न स्थानों से सूचना मिलने के बाद करीब एक दर्जन मगरमच्छों को पकड़कर नदियों में छोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी भी ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर पानी भरा हुआ है और वहां मगरमच्छों के होने की आशंका को देखते हुए उन्हें पकड़ने के लिए पूरे उपकरणों के साथ 25 वन कर्मियों की एक टीम तैनात की गयी है।
लक्सर नगरपालिका अध्यक्ष अंबरीश गर्ग ने बताया कि पथरी क्षेत्र की सोनाली नदी और बाण गंगा नदी से मगरमच्छ अधिकतर ग्रामीण इलाकों के नालों, पोखरों में आ जाते हैं जिनमें से कुछ बहकर लोगों के घरों तक पंहुच जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बाढ़ के पानी के साथ मगरमच्छों के आने की अनेक घटनाएं सामने आयी हैं।