Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने की अधिकारियों की खिंचाई, जानिये आखिर क्या है पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सरकारी कार्यालय से बड़ी मात्रा में भूमि एवं संपत्ति दस्तावेज गायब होने पर भारी चिंता जताई और दिल्ली सरकार के पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीअर) को उपस्थित होने के लिए कहा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय (फाइल)
दिल्ली उच्च न्यायालय (फाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सरकारी कार्यालय से बड़ी मात्रा में भूमि एवं संपत्ति दस्तावेज गायब होने पर 'भारी चिंता' जताई और दिल्ली सरकार के पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीअर) को उपस्थित होने के लिए कहा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि सब-रजिस्ट्रार का काम नागरिकों की संपत्ति से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों का पंजीकरण करना है और इसमें लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।

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न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि बिक्री-खरीद लेनदेन के लिए इन दस्तावेजों का दुरुपयोग किया जा सकता है और ऐसे में नागरिकों से संबंधित भूमि दस्तावेजों के संरक्षण की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं।

अदालत ने कहा, 'सभी तथ्यों की जानकारी होने के बाद भी, ऐसा प्रतीत होता है कि किसी अधिकारी ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है।'

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उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (राजस्व) को सुनवाई की अगली तारीख आठ फरवरी को अदालती कार्यवाही में शामिल होने का निर्देश दिया।

अदालत का आदेश मॉन्क एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया। इस याचिका में सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से अपनी भूमि के पंजीकरण के लापता रिकॉर्ड की जांच करने और उसे पुन: तैयार किए जाने का अनुरोध किया गया है।










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