दिल्ली हाई कोर्ट ने इस अहम याचिका पर केंद्र सरकार से मांगा जवाब, जानिये पूरा मामला
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां दीवानी अदालतों के आर्थिक क्षेत्राधिकार को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां दीवानी अदालतों के आर्थिक क्षेत्राधिकार को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने वकील अमित साहनी की एक याचिका पर केंद्र सरकार के वकील से इस मुद्दे पर निर्देश लेने को कहा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार याचिकाकर्ता ने सूचित किया कि सीमा बढ़ाने का निर्णय पहले ही उच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष से लिया जा चुका है, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी केंद्र ने अभी तक इसे अधिसूचित नहीं किया है।
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पिछले साल, उच्च न्यायालय ने इसी मुद्दे पर याचिकाकर्ता की एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि एक पूर्ण अदालत ने नौ फरवरी, 2022 को दीवानी अदालतों के आर्थिक अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के लिए एक निर्णय लिया था और उस संबंध में अदालत ने संबंधित मंत्रालय को सात मार्च 2022 को एक पत्र भेजा था।
साहनी ने दलील दी थी कि तीन लाख रुपये की वित्तीय सीमा दीवानी अदालतों के लिए बहुत कम है, जिसके परिणामस्वरूप जिला अदालतों में बड़ी संख्या में मामले दायर किये जाते हैं, जिनका अधिकार क्षेत्र तीन लाख रुपये से ऊपर दो करोड़ रुपये तक होता है।
साहनी ने अपनी वर्तमान याचिका में कहा है कि केंद्र को बिना किसी तार्किक कारण के एक पूर्ण अदालत के फैसले को दबाये रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने याचिका में कहा था कि दीवानी अदालतों के न्यायाधीशों के आर्थिक अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की जरूरत है।
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मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।