एक मुलाक़ात में 2015 बैच की आईएएस टॉपर इरा सिंघल का बेबाक इंटरव्यू.. जानिये IAS बनने के टिप्स..
देश के आईएएस टापर्स के इंटरव्यू के सबसे लोकप्रिय टॉक शो एक मुलाक़ात के एंकर मनोज टिबड़ेवाल आकाश के सामने इस बार की मेहमान हैं सिविल सेवा की 2015 बैच की आईएएस टॉपर इरा सिंघल। इनकी कहानी से कोई भी प्रेरणा ले सकता है। इरा 62 फीसदी दिव्यांग है और जन्म से ही रीढ़ से संबंधित बीमारी स्कोलियोसिस से ग्रस्त हैं। इन सबके बाद वे जनरल कैटेगरी में बन बैंठी UPSC टॉपर। आखिर कैसे.. देखिये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरा इंटरव्यू..
नई दिल्ली: डा. शाह फैसल, डा. शेना अग्रवाल, अंजलि सहरावत, गौरव अग्रवाल, अतहर आमिर जैसे देश के होनहार आईएएस टापर्स के एक मुलाक़ात में हुए इंटरव्यूज़ की सीरिज में एक और नाम जुड़ गया है.. इरा सिंघल का। 2015 बैच की सिविल सेवा परीक्षा में देश भर में पहला स्थान पाने वाली इरा लाखों नौजवानों की रोल मॉडल हैं।
आईएएस टापर्स के इंटरव्यू के देश के सबसे चर्चित टॉक शो एक मुलाक़ात के एंकर मनोज टिबड़ेवाल आकाश के सामने इरा सिंघल ने खोले अपने दिल के राज.. किस तरह जीवन में उन्होंने संघर्ष किया फिर जाकर उनको भारत की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में नंबर एक का मुकाम हासिल हुआ।
इरा ने यह भी बताया कि कैसे देश के जो लाखों युवा आईएएस बनने का सपना संजोते हैं वे कैसे इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं।
पूरा इंटरव्यू..
प्रश्न: अपने जीवन के संघर्ष को आप कैसे देखती हैं?
उत्तर: देखिये, सबके जीवन में संघर्ष होता है। हर इंसान को अपने स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप परेशानियों को बड़ा बनाएंगे तो वो आपको परेशान करेंगी, वरना ये जीवन का एक हिस्सा है।
प्रश्न: क्या आप बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनाना चाहती थीं?
उत्तर: हां, मैं बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनाना चाहती थी, लेकिन कभी उस दिशा में मैंने काम नहीं किया था (हंसते हुए)। मैं बचपन से ही समाज के साथ रह कर काम करना चाहती थी, इसी वजह से मैंने आईएएस और डॉक्टर बनने का सपना देखा था। मैंने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ने के बाद ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।
प्रश्न: हमारे टॉक-शो एक मुलाक़ात को देखने वाले ज्यादातर दर्शक युवा वर्ग के हैं, ऐसे में आप उन दर्शकों को क्या सलाह देंगी जो आईएएस बनना चाहते हैं?
उत्तर: अगर आप आईएएस बनना चाहते हैं तो ही.. इस परीक्षा की तैयारी करें। अगर आप का मन नहीं है तो आप किसी के कहने पर तैयारी न करें क्योंकि अगर आपका मन नहीं है तो आप नौकरी करने के समय खुद को खुश नहीं रख पाएंगे। जिस वजह से आप लोगों की मदद नहीं कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें |
एक मुलाक़ात में आईएएस टॉपर अनु कुमारी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.. जानिये सफलता के मंत्र
प्रश्न: युवाओं को कैसे शुरुआत करनी चाहिए?
उत्तर: अगर आप तैयारी करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सिलेबस पढ़ना होगा। ज्यादातर लोग उसे नहीं पढ़ते हैं। इसके बाद आपको टॉपिक को ध्यान में रख कर पढ़ाई करनी होती है। आपको अपने बेसिक पर भी ध्यान देना होता है। इसके लिए आप एनसीईआरटी की किताबें पढ़ सकते हैं।
प्रश्न: IAS के लिये विषय का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिये?
उत्तर: देखिये.. विषय का चयन करते समय इस बात रखना चाहिये कि आपकी पकड़ किस विषय पर है। ज्यादातर लोग किसी और को देखकर सब्जेक्ट का चुनाव कर लेते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपको विषय का गहन अध्ययन करना होता है। ऐसा आप तब ही कर सकते हैं, जब आपको उस सब्जेक्ट से प्यार हो।
प्रश्न: आपके कौन से सब्जेक्ट थे?
उत्तर: मैंने आईएएस के एग्जाम में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और जियोग्राफी को लिया था। मुझे जियोग्राफी बहुत पसंद थी, जबकि दूसरे सब्जेक्ट में कुछ समझ नहीं आ रहा था, इस वजह से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ले लिया था। जिसकी वजह से मेरे नंबर भी काम आए थे। इसलिए अपने अनुभव से बोल रही हूं, उसी सब्जेक्ट का चयन करें, जिसमे आप अच्छे हों और अच्छा कर सकते हैं।
प्रश्न: ज्यादातर नौजवान सवाल करते हैं कि क्या एग्जाम को क्रैक करने के लिए कोचिंग जरूरी है?
उत्तर: कोचिंग दो तरह के लोगों के लिये होती है। पहला उन लोगों के लिए जरुरी है, जो बिल्कुल भी नही जानते कि कहां से शुरुआत करनी है। इसके अलावा कोचिंग की जरूरत उन लोगों को होती है जो आलसी किस्म के होते हैं। ताकि वो खुद को कुछ समय तक किताबों के पास रख पाएं। अगर सिर्फ कोचिंग के ही बच्चे पास होते तो सिर्फ कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चे ही आईएएस बनते। ये धारणा गलत है कि आईएएस के एग्जाम के लिए कोचिंग करना जरूरी है। सच तो ये है कि असल पढ़ाई कोचिंग के बाद शुरू होती है।
प्रश्न: लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि इस परीक्षा में बहुत ज्यादा पढ़ना पड़ता हैं। आपके हिसाब से बच्चों को कितने समय तक पढ़ना चाहिये?
उत्तर: मुझे लगता है कि जो ये कहते है कि वो 15 घंटे पढाई करते है, वो झूठ बोलते है। सच ये तो है कि कोई भी इतने घंटे पढाई नहीं कर सकता है। अगर कोई कहता है कि वो 12 घंटे पढ़ाई कर रहा था तो मानना चाहिए कि वह 9 घंटे तक एक ही पेज को घूर रहा था। ऐसे में आप सिर्फ समय ही बर्बाद कर रहे हैं। आपको कोर्स के हिसाब से पढ़ाई करनी चाहिये। इससे आप का समय भी बचेगा और आप बेहतर तैयारी कर सकेंगे।
प्रश्न: आप ने कितने घंटे पढ़ाई की?
उत्तर: मैंने कभी भी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं की। मैं एक इंजीनियर हूँ और मैंने आखिरी समय में ही पढ़ाई की है। पहली बार में मैंने कुछ ज्यादा पढ़ाई की थी लेकिन बाकी मैंने कभी भी समय देख कर पढ़ाई नहीं की।
प्रश्न: महानगरों में इस समय स्टडी सेंटर का एक नया ट्रेंड सा चल पड़ा है, इस पर आप क्या राय रखती है?
उत्तर: कई बार लोग मुझसे पूछते है कि वो घर पर पढ़ाई नही कर पा रहे, तो ऐसे लोगों के लिये स्टडी सेंटर काफी मददगार साबित हो सकता है। दूसरों को देखकर पढ़ने का माहौल बन जाता है और लोग ज्यादा से ज्यादा पढ़ सकते है। मैंने हमेशा से ही एक बंद कमरे में पढ़ाई की है, इस वजह से मेरा स्टडी सेंटर के बारे में कोई व्यक्तिगत अनुभव नहीं है।
प्रश्न: सिविल सेवा के नये सिलेबस के बारे में कुछ बताएं?
उत्तर: नये सिलेबस से लोगों को काफी मदद मिलती है। नए सिलेबस में अब जीएस काफी ज्यादा आता है। जिससे अब ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलता है। इससे उन लोगों को नुकसान हुआ है जो दो वैकल्पिक सब्जेक्ट लेते थे, इसका फायदा उन लोगों को मिलता था, जो उस सब्जेक्ट के मास्टर्स होते थे। ऐसे में जीएस का पेपर आने से सभी को अब बराबर मौके मिलते हैं।
यह भी पढ़ें |
IAS Topper Aishwaryam Prajapati: 2024 बैच की आईएएस टॉपर ऐश्वर्यम प्रजापति का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू एक मुलाकात में
प्रश्न: सिविल सर्विसेज के एग्जाम को पास करने के लिये इंग्लिश मीडियम पढ़ाई क्या जरूरी है?
उत्तर: देखिये, इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई करने पर आपको पढ़ाई के लिये ज्यादा से ज्यादा मैटेरियल मिल जाते हैं। अगर आप इंटरनेट पर भी किसी विषय पर पढ़ना चाहते हैं तो आपको ज्यादा जानकारी इंग्लिश में ही मिलती है। इंग्लिश में एग्जाम देने से आपको ये भी फायदा होता है कि एग्जामनर आपकी ग्रामर की गलतियों को नज़र अंदाज़ कर देता है, लेकिन रीजनल लैंग्वेज में आपकी उस भाषा में पूरी पकड़ होनी चाहिए। एग्जामनर ऐसे में कोई भी गलती माफ़ नहीं करता।
प्रश्न: क्या जो लोग बचपन से पढ़ने में पहुत तेज़ होते हैं, वो ही ये एग्जाम पास कर सकते है?
उत्तर: ऐसा नहीं है कि जो बचपन में जो बहुत होशियार होते हैं वो ही आईएएस एग्जाम पास करते है। मेरे कई दोस्त है जो पहले पढ़ने में अच्छे नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने अच्छा किया।
प्रश्न: एग्जाम के समय एकाग्रता कितना जरूरी है ?
उत्तर: एकाग्रता बेहद जरुरी है।
प्रश्न: छात्र खुद को कैसे एकाग्र करें ?
उत्तर: छात्र पढ़ाई करते समय हेड फोन का प्रयोग कर सकते हैं। इस दौरान आप म्यूजिक सुन सकते हैं लेकिन इसका मतलब नहीं है कि आप रेडियो सुनें। इसके अलावा आप रात में भी पढ़ाई कर सकते हैं। वहीं आप स्टडी सेंटर में भी जाकर पढ़ाई कर सकते हैं।
प्रश्न: एग्जाम में जीएस कितनी जरूरी है?
उत्तर: अब तो सारे सवाल करंट अफेयर्स से ही आते हैं। ऐसे में आपको जीएस पर ध्यान देना होता है।
प्रश्न: तैयारी के लिए इंटरनेट कितना जरूरी है?
उत्तर: एग्जाम की तैयारियों के लिये इंटरनेट बहुत जरूरी है लेकिन आपको इसका प्रयोग अपनी पढ़ाई में करना होगा। आप सोशल मीडिया पर समय ख़राब नहीं कर सकते हैं। अगर आपको आराम करना है तो आप अपने दोस्तों के साथ समय बीता सकते हैं लेकिन आपको सोशल मीडिया से खुद को दूर रखना होगा। आप नेट पर अपनी जानकारी के लिए कई सारी वेबसाइट देख सकते हैं।
प्रश्न: कुछ लोग इंटरव्यू में फेल हो जाते है, इसको लेकर आप क्या कहेंगे?
उत्तर: ये एक गलत धारणा है कि आप इंटरव्यू में फेल हो गए है। कोई इंटरव्यू में फेल नहीं होता है। ये मेंस के एग्जाम के अंक पर निर्भर करता है। अगर आपको जीरो मार्क्स भी मिलते हैं, तब भी आप इंटरव्यू में पास हैं। ये एक मेंस के एग्जाम का हिस्सा है। हां ये सच है कि इंटरव्यू में दो तरह के सवाल किये जाते है। पहले जहां आपकी पर्सनालिटी से जुड़े हुए सवाल किये जाते हैं, वहीं दूसरे में आपकी स्टडी को लेकर सवाल किये जाते हैं।
प्रश्न: आपकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, अपनी पोस्टिंग के बारे में बताइये?
उत्तर: मैं एजीएमयूटी कैडर में हूँ। जिसमें अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश में है। इस समय मैं दिल्ली में अलीपुर इलाके में एसडीएम के पद पर तैनात हूं।
प्रश्न: आप ट्विटर से दूर क्यों है?
उत्तर: मुझे लगता है कि ट्विटर बहुत नेगेटिव मीडियम है। वहां सिर्फ लोग एक दूसरे की बुराई करते हैं या फिर अपने किसी एजेंडे के तहत बोलते हैं। मुझे इसमें पॉजिटिविटी नहीं दिखती है। वहां पर लोग सिर्फ नेगेटिव बोलते हैं। कौन सच है कौन झूठा.. ये एक ही आदमी पचास अकाउंट से बोलता है। अगर आप ज्यादातर कमेंट्स देखेंगे तो वो ज्यादातर ट्रोल्स ही होते हैं। आप जब सामने नहीं बोल पा रहे हैं तो आप एक हिडेन मीडियम से कुछ भी बोल देते हैं। अगर आप सच में ओपिनियन रखते हैं तो सामने से बोलिये। मुझे फेसबुक पसंद है क्योंकि उसमें आईडी तो सही होती है। इसमें लोग कम से कम सामने तो दिखते हैं। फ्रेंड लिस्ट होती है। एक्टिविटी पता चलती है।