दिल्ली पुलिस ने अधिकारियों से शब-ए-बारात, होलिका दहन पर चौकसी बरतने को कहा

डीएन ब्यूरो

दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारियों से मोटरसाइकिल पर स्टंट करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त निगरानी रखने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शब-ए-बारात और होलिका दहन के दौरान कोई सांप्रदायिक तनाव न हो। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

डीसीपी श्वेता चौहान
डीसीपी श्वेता चौहान


नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारियों से मोटरसाइकिल पर स्टंट करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त निगरानी रखने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शब-ए-बारात और होलिका दहन के दौरान कोई सांप्रदायिक तनाव न हो।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस साल होलिका दहन और शब-ए-बारात एक ही दिन है।

दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सभी 15 पुलिस जिलों को जारी एक परामर्श में उन्हें 7-8 मार्च की दरमियानी रात में बाइक पर स्टंट करने वालों को रोकने के लिए धार्मिक नेताओं और स्थानीय स्वयंसेवियों की मदद लेने का निर्देश दिया।

परामर्श में पिछली घटनाओं का हवाला दिया गया है, जब जाफराबाद, सीलमपुर, वेलकम, त्रिलोकपुरी, ओखला और जामिया नगर जैसे क्षेत्रों के युवाओं ने इंडिया गेट, कनॉट प्लेस और नयी दिल्ली जिले के अन्य क्षेत्रों में दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों पर खतरनाक स्टंट किये थे।

इसमें कहा गया है कि 2019 में शब-ए-बारात की रात डाबरी, खजूरी खास और जनकपुरी में कुछ लोगों ने वाहनों और घरों के शीशे तोड़ दिये थे, जिसके चलते मामले दर्ज किये गये थे।

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परामर्श में कहा गया है, ‘‘स्टंट करने वाले लोगों को नयी दिल्ली क्षेत्र में आने से रोकने के लिए धार्मिक नेताओं की मदद ली जानी चाहिए।’’

इसमें कहा गया है कि कनिष्ठ कर्मचारियों को अपने वरिष्ठों को उन घटनाओं के बारे में तुरंत जानकारी देने के लिए कहा गया है, जिनका कानून और व्यवस्था की स्थिति पर संभावित प्रभाव हो सकता है, विशेष रूप से मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में। इसमें कहा गया है, ‘‘सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जानी चाहिए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’’

परामर्श के अनुसार, विभिन्न समुदायों से संबंधित सभी पीसीआर कॉल से तुरंत और दृढ़ता से निपटा जाना चाहिए।

शब-ए-बारात की रात मुस्लिम मस्जिदों में बड़ी संख्या में नमाज अदा करते हैं। होलिका दहन पर, हिंदू सूर्यास्त के बाद अलाव जलाते हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘होलिका दहन सात मार्च की शाम को मनाया जाएगा और इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि दोनों समुदायों के लोग एक ही मार्ग या स्थान पर एक विशेष समय पर पहुंच सकते हैं।’’

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परामर्श में कहा गया है कि होलिका दहन की पूर्व संध्या पर अन्य समुदायों के साथ टकराव से बचने के लिए स्थानीय पुलिस को सतर्कता बरतनी चाहिए।

इसमें अधिकारियों से कोटला, खुरेजी, सरोजिनी पार्क, शास्त्री नगर, नरेला, गदाईपुर और हौजखास के कदीमी में ‘कब्रिस्तानों’ पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है, जहां पहले कुछ घटनाएं हुई थीं।

विशेष शाखा ने पुलिस जिलों को सभी मस्जिदों और कब्रिस्तानों में पर्याप्त कर्मियों और पीसीआर वाहनों को तैनात करने को कहा। स्थानीय पुलिस प्रमुखों को कार्यक्रम आयोजकों के साथ करीबी संपर्क रखने को कहा गया है।

परामर्श के अनुसार विशेष शाखा ने स्थानीय पुलिस को अमन समितियों, नागरिक सुरक्षा समितियों और भाईचारा समितियों के साथ बैठकें आयोजित करने के लिए कहा है।










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