सरकार से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की मांग, जानिये क्या है मामला
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ ने बुधवार को सरकार से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की मांग की। उसने कहा कि देश में चीनी उत्पादन लागत से कम भाव पर बेची जा रही है, ऐसे में बिक्री मूल्य बढ़ाये जाने की जरूरत है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ ने बुधवार को सरकार से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की मांग की। उसने कहा कि देश में चीनी उत्पादन लागत से कम भाव पर बेची जा रही है, ऐसे में बिक्री मूल्य बढ़ाये जाने की जरूरत है।
वर्ष 2019 से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 3,100 रुपये प्रति क्विंटल पर अपरिवर्तित रखा गया है, भले ही गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) हर साल बढ़ाया गया हो।
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने इस संबंध में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा को ज्ञापन दिया है।
एआईएसटीए के अध्यक्ष प्रफुल्ल विठलानी ने कहा, ‘‘मौजूदा 2022-23 के सत्र के नवंबर-मार्च की अवधि के दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी 3,100 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर पर बेची गई, जो उत्पादन लागत की तुलना में 10 प्रतिशत कम है।’’
यह भी पढ़ें |
देश में चीनी उत्पादन की दर में बड़ी गिरावट दर्ज, जानिये वजह
उन्होंने कहा कि न्यूनतम बिक्री मूल्य उत्पादन लागत से अधिक होना चाहिए, जो 3,400-3,600 रुपये प्रति क्विंटल है।
ज्ञापन में, एआईएसटीए ने कहा कि सरकार ने पिछले चार चीनी सत्रों (अक्टूबर-सितंबर) में गन्ने के एफआरपी में वृद्धि की, लेकिन न्यूनतम बिक्री मूल्य में समान वृद्धि नहीं हुई है।
इसने कहा, ‘‘इसलिए, सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ाने पर विचार कर सकती है, जो किसानों को देश में गन्ना रोपण बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।’’
इसके अलावा, व्यापार मंडल ने सरकार से चीनी को आरओडीटीईपी (निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट) योजना का लाभ देने की मांग की है।
यह भी पढ़ें |
Sugar Export: चीनी मिलों ने मात्र 6 महीनों में मका आधे से ज्यादा टारगेट किया पूरा, पढ़ें पूरी खबर
भारत दुनिया में ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। सरकार ने चालू सत्र 2022-23 में 60 लाख टन निर्यात की अनुमति दी है।