DN Exclusive: फ्रॉड का भंडाफोड़ लेकिन बरकरार है प्रधानी, जालसाजी की FIR तक नही हुई दर्ज

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले में कागजों में धोखाधड़ी के सहारे प्रधानी की कुर्सी पर कब्जा जमाए जालसाज के काले कारनामों का भंडाफोड़ 9 महीने पहले ही हो गया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज भी यह जालसाज प्रधानी की कुर्सी पर कब्ज़ा जमाये बैठा है। इससे भी बड़ी बात यह है कि कागजों में धोखाधड़ी का प्रमाण पत्र जारी करने वाले तहसील कर्मियों के खिलाफ आज तक FIR दर्ज नही कराई गई है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लुसिव...

जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का आदेश
जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का आदेश


निचलौल (महराजगंज): निचलौल तहसील के लोहरौली गांव का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। अप्रैल 2021 में सम्पन्न हुए प्रधानी के चुनाव में कमलेश पुत्र रामजी लोहरौली के ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी।

आरोप है कि कमलेश मूल रूप से कहार जाति के हैं जो पिछड़े वर्ग में आती है लेकिन इन्होंने तहसील कर्मियों से मिली भगत कर के अपने को धुरिया गौड़ जाति का बताकर अनुसूचित जनजाति का धोखेबाजी से फ़र्जी जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ प्रधानी पद पर काबिज हो गए। इनके निर्वाचन के बाद गांव के निवासी गुनेश्वर प्रसाद यादव ने जिलाधिकारी को इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र की लिखित शिकायत की। लंबी जांच के बाद शिकायत सत्य पाई गई। 

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चार सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति डॉ. उज्जवल कुमार ने पत्रांक संख्या 268-71/ स.क. / जा.प्र.प.स.स. / 2021-22 दिनांक 28/7/2021 को कमलेश के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने का आदेश दिया। कायदन जांच में धोखाधड़ी साबित हो जाने के बाद कमलेश व इस धोखाधड़ी में शामिल समस्त तहसील कर्मियों के खिलाफ FIR पंजीकृत होना चाहिए। 

लेकिन यह होना तो दूर 9 महीने बाद आज तक ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाया तक नही गया है और वह धड़ल्ले से वित्तीय कार्यों को अंजाम दे रहा है। जो सवालों के घेरे में है।

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