फरेंदा कस्बे में स्थाई पुलिस चौकी न होने से पुलिसकर्मियों को परेशानी, खंडहर में तब्दील पुरानी चौकी, जानें क्या झेलनी पड़ रही परेशानियां
फरेंदा कस्बे में आसमान तले दोपहर गुजारने को मजबूर हैं पुलिस बूथ के जवान, एक कमरे के पुलिस बूथ में चौकी संचालित हो रही है। पढें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
फरेंदा (महराजगंज): अपराध रोकने के लिए पुलिस चौबीस घंटे तत्पर है। लेकिन पुलिसकर्मियों को अपनी आधारभूत सुविधाओं के लिए भी भटकना पड़ रहा है।
फरेंदा कस्बे में पुलिस के पास कोई स्थाई चौकी नहीं है, एक छोटे से कमरे के पुलिस बूथ में कार्य संपादित करना काफी कठिन हो रहा है।
जब कोई अपराध होता है तो पुलिस को याद किया जाता है। किसी को घर से निकाल दिया जाए तो पुलिस आकर मदद करती है।
किसी की जमीन पर कब्जा हो जाए तो पुलिस ही याद आती है। चोरी, डकैती रोकने के लिए पुलिस तत्पर है। लेकिन पुलिस चौकी न होने से जवानों को समस्या हो रही है।
बता दें कि कस्बे के रहमान मार्केट में पुलिस चौकी थी। जो वर्षों पहले जमींदोज हो गई। अब वहां खंडहर है।
बाद में अम्बेडकर तिराहे पर पुलिस बूथ बनाया गया। जो एक छोटा कमरा है। जिसमें दो कुर्सियां भी नहीं आती हैं।
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वहां भीषण गर्मी में पुलिस कर्मियों को कार्य संपादित करने में काफी परेशानी होती है। बूथ में पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था भी नहीं है।
गोरखपुर-सोनौली राजमार्ग पर स्थित फरेंदा कस्बा बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
पुलिसकर्मियों की सहूलियत के लिए यहां पर एक नये पुलिस चौकी का निर्माण होना आवश्यक है।