'झंडा गीत'लिखने वाले स्वतंत्रता सेनानी के परिवार वालों से डाइनामाइट न्यूज़ की खास बातचीत
'झंडा गीत' से मशहूर ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा’ के लेखक 'पार्षद' श्याम लाल गुप्ता के परिवार वालों से डाइनामाइट न्यूज की टीम ने खास बातचीत की। श्याम लाल गुप्ता और उनके परिवार वालों के बारे में जानने के लिए पढ़िये ये खास रिपोर्ट।
कानपुर: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही देश गीत में ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा’ गीत का जिक्र जरूर होता है। इस गीत को 'झंडा गीत' के नाम से पूरा देश जानता है। लेकिन आपको बता दें कि इस गीत को लिखने वाले लेखक और गायक 'पार्षद' श्याम लाल गुप्ता कानपुर निवासी थे।
9 सितंबर 1896 को कानपुर जिले के नर्वल गांव में जन्में 'पार्षद' श्याम लाल गुप्ता बचपन से ही सरल और स्वाभिमानी स्वाभाव वाले व्यक्ति थे। वे एक अध्यापक भी थे। उन्हें कविता लिखने का बहुत शौक था।
कानपुर के फूलबाग मैदान में 13 अप्रैल 1924 को हज़ारों लोगों की संख्या में श्याम लाल गुप्ता ने यह गीत गाया। उस समय उनके साथ पंड़ित जवाहर लाल नेहरू भी मौजूद थे। श्यामलाल का ये गीत सुनने के बाद नेहरू ने कहा था कि भले ही श्यामलाल गुप्ता को कोई न जानता हो लेकिन उनके इस 'झंडा गीत' से एक दिन पूरा देश उन्हें जानेगा।
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यह गीत पहली बार साल 1952 में लाल किले पर गाया गया था। पार्षद श्याम लाल की इस उपलब्धि के लिए उन्हें पद्म श्री अवार्ड से भी नवाजा गया। 11 अगस्त 1977 को वो हमेशा हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गये।
पार्षद जी ने कहा था जियो ऐसे ताकि हमेशा जी सको जीवन में
पार्षद श्याम लाल गुप्ता कि बहु नारायणी गुप्ता ने डायनामाइट न्यूज़ से बाचतीत के दौरान बताया कि श्याम लाल सरल स्वभाव और समाज में स्वंत्रता की एक अलग अलख जगा गए। झंडा गीत के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया गया था। घर की मालिहालत पर बोलते हुए बताया कि घर का जीवन यापन पेंशन की बदौलत चल रहा है। पार्षद श्याम लाल गुप्ता जी के पौत्र राजेश गुप्ता ने बताया कि बाबा कि नित्य क्रिया सुबह 4 बजे से चालू हो जाती थी। जिसके बाद वे रामायण का पाठ करते थे और हम लोगों को भी जल्दी उठाते थे।
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पार्षद श्याम लाल गुप्ता कहना था कि ऐसे जियो ताकि हमेशा जी सको जीवन में।
वहीं पार्षद श्याम लाल के पौत्र शिवेश गुप्ता ने कहा कि आज इस घर की मालीहालत ऐसी है कि न कोई कारोबार है, न ही अच्छा घर है। आज तक कोई भी अधिकारी या नेता ने हमारी सुध तक नही ली।