Mayanmar Earthquake Video: क्यों हिलती है धरती, कब आया सबसे शक्तिशाली भूंकप, कैसे करें बचाव; जानिये सबकुछ
कई देशों में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके लगे। भूकंप के कारण म्यांमार-थाईलैंड में भारी तबाही मची। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें भूकंप के बारे में हर जरूरी तथ्य

नई दिल्ली: देश और दुनिया के कई हिस्सों में आज भूकंप के झटके महसूस किये गये। इस भूंकप ने म्यांमार-थाईलैंड समेत कुछ देशों में भारी तबाही मचाई। हालांकि भूंकप एक विज्ञान से जुड़ा विषय है, लेकिन फिर भी हम आपको ये बताने की कोशिश करेंगे बताएंगे की आज कहां-कहां भूंकप के कारण धरती हिली। आखिर क्यों पिछले कुछ समय से भूंकप की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। कब आया था दुनिया में सबसे शक्तिशाली भूंकप कब आया था। क्यों जरूरी है छोटे-छोटे भूंकप और भूकंप से से बचाव के लिये क्या उपाय अपनाएं।
5 देशों में भूकंप के झटके
डाइनामाइट न्यूज के मुताबिक, म्यांमार-थाईलैंड समेत 5 देशों में भूकंप के जबरदस्त झटके लगा। रिक्टर स्केल पर म्यामांर में भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई। म्यांमार में भूकंप के चलते 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। म्यांमार के मांडले में 20 लोगों की मौत हो गई, वहीं ताउंगू में 5 लोग मारे गए हैं। जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। भूकंप के बाद के आए ऑफ्टर शॉक से भी कई इलाकों में दहशत मची हुई है। कई इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप के बाद एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से 3 मजदूरों की मौत हो गई और 81 लोग मलबे में फंस गए। राहत और बचाव कार्य जारी है।
भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, लेकिन इसके प्रभाव से बैंकॉक समेत कई इलाकों में झटके महसूस किए गए. अधिकारियों ने हादसे में हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
रेस्क्यू टीमें मौके पर हैं और फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
भारतीयों के लिये आपातकालीन नंबर जारी
थाईलैंड में शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए एक आपातकालीन नंबर जारी किया है। भारतीय दूतावास ने कहा कि हम थाई अधिकारियों के साथ स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, अभी तक किसी भी भारतीय नागरिक के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और आवश्यकता पड़ने पर दूतावास से संपर्क करने की अपील की गई है।
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भारतीयों के इमरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर: +66 618819218... इस नंबर पर थाईलैंड में फंसे भारतीय नागरिक किसी भी आपात स्थिति में संपर्क कर सकते हैं।
पड़ोसी देश म्यांमार में आये जोरदार भूकंप के झटके देश के कई राज्यों में भी महसूस किए गए हैं। फिलहाल इस भूकंप से देश में किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग में पृथ्वी के 10 किलोमीटर गहराई में था. इसके झटके पूर्वोत्तर भारत के राज्यों मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम और नागालैंड में महसूस किए गए. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप मुख्य रूप से पृथ्वी के अंदर टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने, खिसकने और टूटने से आते हैं, लेकिन ज्वालामुखी,भूस्खलन और मानव गतिविधियों जैसे खनन और परमाणु परीक्षण भी भूकंप का कारण बन सकते हैं।
छोटे भूकंप का महत्व
हाल के दिनों में भारत समेत दुनिया में भूंकप की छोटी-बड़ी घटनाएं बढ़ी हैं। बताया जाता है कि पृथ्वी के चुबंकीय क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। इससे प्लेटों में काफी हलचल देखा जा रहा है। पृथ्वी के आंतरिक भाग में हलचल होने का प्रभाव सतह पर भूकंप के रूप में देखा जा रहा है। गनीमत है कि छोटे-छाेटे भूकंपों के माध्यम से पृथ्वी के आंतरिक भाग में दबाव कम हो जा रहा है। बताया जाता है कि अगर लंबे समय तक कोई भूकंप नहीं आता है तो कोई बड़ा भूकंप भी आ सकता है, जिसे काफी तबाही मच सकती है।
सबसे शक्तिशाली भूकंप
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जानकारी के मुताबिक अब तक का सबसे भयानक भूकंप 22 मई 1960 को चिली के वाल्डिविया में आया था।
ये 9.5 तीव्रता का भूकंप था, जो अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था, जिसने सुनामी भी पैदा की और दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान और अन्य क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई। ये भूकंप करीब 10 मिनट तक झटका देता रहा। इससे सूनामी की भयंकर लहरें उठीं. वाल्दीविया दरअसल चिली का समुद्र तटीय इलाका है. इसकी तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि किसी को आज भी विश्वास नहीं होता। 9.5 तीव्रता को असंभव सी बात कहा जाता है। दुनिया में इसे आज भी ग्रेट चिलियन भूंकप कहा जाता है। रिकॉर्ड्स यही कहते हैं कि ये दुनिया में आया अब तक का सबसे ताकतवर झटका था।
भूकंप आये तो बचाव के लिये क्या करें?
भूकंप के झटके शुरू हों, तो धीरे-धीरे कुछ कदम चलकर किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचें। झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आप ये सुनिश्चित न कर लें कि घर से बाहर निकलना सुरक्षित है या नहीं। बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों और बिजली/टेलीफोन आदि की तारों से दूर रहें। अगर आप घर के अंदर हैं और अचानक भूकंप के तेज झटके महसूस होने लगें तो फौरन जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे बैठ जाएं।
आप बेड पर हैं और भूकंप..
आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे और सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं. शीशे, खिड़कियों, दरवाजों और दीवारों या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो, उससे दूर रहें.अगर आप बेड पर हैं और भूकंप आ जाए तो उस स्थिति में बेड पर ही रहें और सिर पर किसी तकिए से ढककर उसे बचाएं.
जब तक भूकंप के झटके न रुकें और बाहर जाना सुरक्षित न हो, तब तक घर के अंदर ही रहें. ज्यादातर रिसर्च बताती हैं कि अधिकतर चोटें तब लगती हैं, जब मकान के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह या बाहर जाने का प्रयास करते हैं।