ईडी ने तमिलनाडु के मंत्री बालाजी को गिरफ्तार किया, 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में राज्य के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में राज्य के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
बालाजी तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि जब बालाजी ने जांच में पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया है तो लंबी पूछताछ की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्या ईडी की इस तरह की ‘‘अमानवीय कार्रवाई’’ उचित है।
बालाजी 2014-15 में अपराध के समय अन्नाद्रमुक में शामिल थे और उस समय परिवहन मंत्री थे।
बालाजी (47) को मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्होंने छाती में दर्द की शिकायत की और उन्हें बुधवार सुबह शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें ‘‘जल्द से जल्द’’ बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी है।
इसके बाद बालाजी आगे उपचार के लिए यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति मांगने के लिए शहर की एक अदालत गये और उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए भी आवेदन किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद बालाजी को गिरफ्तार किया गया। बाद में चेन्नई की एक स्थानीय अदालत ने बालाजी को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने मंत्री की अंतरिम जमानत की अर्जी पर और एक निजी अस्पताल में भेजने की अनुमति देने के अनुरोध पर आदेश सुरक्षित रख लिया। बालाजी की पुलिस हिरासत के ईडी के निवेदन पर भी आदेश सुरक्षित रखा गया।
वहीं, मद्रास उच्च न्यायालय में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई, जिसमें बालाजी को अदालत में पेश करने की मांग की गई।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने बुधवार को ओमंदुरार एस्टेट में तमिलनाडु गवर्नमेंट मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बालाजी से मुलाकात की।
उन्होंने जांच में पूरी तरह सहयोग करने के बालाजी के आश्वासन के बावजूद इतनी लंबी पूछताछ की जरूरत पर सवाल उठाये और कहा, ‘‘क्या ईडी अधिकारियों की इस तरह की अमानवीय कार्रवाई उचित है?’’
स्टालिन ने कहा, ‘‘जिन्होंने अधिकारियों को इस काम पर लगाया, उनके क्रूर इरादे इससे साफ हो गये हैं।’’
स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके मंत्री व उनकी पार्टी इस मामले का सामना कानूनी रूप से करने को तैयार हैं।
स्टालिन ने पूछताछ के नाम पर ईडी अधिकारियों पर ‘‘नाटक करने’’ और बालाजी को ‘‘शारीरिक तथा मानसिक रूप से परेशान’’ करने का आरोप लगाया।
द्रमुक ने दावा किया कि गिरफ्तारी से जुड़ी प्रक्रियाएं सही से नहीं अपनाई गयीं, जिसे ईडी ने खारिज किया।
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बालाजी और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला 2011-15 के दौरान अन्नाद्रमुक सरकार में राज्य के परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से संबंधित है, जब उन्होंने अपने भाई आर वी अशोक कुमार सहित अपने सहयोगियों के साथ सभी राज्य परिवहन उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों और परिवहन निगमों के अन्य अधिकारियों के साथ कथित रूप से आपराधिक साजिश रची थी।
साल 2014-15 के दौरान परिवहन निगम में चालक, परिचालक, जूनियर ट्रेड्समैन, जूनियर इंजीनियर और सहायक इंजीनियर के रूप में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से रिश्वत प्राप्त करने के लिए कथित रूप से साजिश रची गयी थी।
ईडी ने आरोप लगाया कि ‘‘पूरी नियुक्ति प्रक्रिया धोखाधड़ी पूर्व और बेईमानी पूर्ण तरीके से की गयी’’ और बालाजी के निर्देशानुसार शनमुगम, अशोक कुमार तथा कार्तिकेयन द्वारा उपलब्ध कराई गयी सूची के अनुरूप ही इसे अंजाम दिया गया।
आरोप हैं कि इन चारों ने नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए बालाजी की ओर से उम्मीदवारों से पैसे वसूले।
उम्मीदवारों ने आरोप लगाया था कि जिन्होंने पैसा दिया था, उन्हें न तो नियुक्ति आदेश जारी किये गये और न ही पैसा वापस मिला जैसा कि बालाजी और तीन अन्य ने वादा किया था।
ईडी ने इन आरोपों की जांच के लिए 2021 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था और उसकी शिकायत 2018 में और बाद के सालों में दर्ज तमिलनाडु पुलिस की तीन प्राथमिकियों पर आधारित है।
उच्चतम न्यायालय ने गत 16 मई को पुलिस और ईडी को बालाजी के खिलाफ जांच की अनुमति दी थी।
ईडी ने धनशोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रमुक के कद्दावर नेता बालाजी से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की थी।
राज्य के मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने दावा किया कि ऐसे ‘‘संकेत’’ मिले हैं कि बालाजी को ‘‘प्रताड़ित’’ किया गया है।
बाबू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बालाजी आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में हैं। वह अचेत अवस्था में थे और जब उनका नाम लेकर पुकारा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वह (चिकित्सकों की) निगरानी में हैं... उनके कान के पास सूजन है। चिकित्सकों का कहना है कि ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) में उतार-चढ़ाव है... ये सभी उन्हें प्रताड़ित किए जाने के संकेत हैं।’’
ओमंदुरार एस्टेट में तमिलनाडु गवर्नमेंट मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निदेशक की ओर से जारी ‘मेडिकल बुलेटिन’ के अनुसार, बालाजी का 14 जून सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ किया गया।
‘मेडिकल बुलेटिन’ के अनुसार, ‘‘ ‘कोरोनरी एंजियोग्राम’ में उनकी तीन रक्त वाहिकाओं में दिक्कत होने की बात सामने आई जिसके लिए जल्द से जल्द सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट) बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। ’’
इस बीच, द्रमुक नीत सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस (एसपीए) के घटक दलों ने ईडी की कार्रवाई के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर निशाना साधा और इस मुद्दे पर विरोध जताने के लिए शुक्रवार को कोयम्बटूर में एक विशाल जनसभा करने की घोषणा की।
एसपीए ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर भाजपा नीत राजग को ‘जन-विरोधी’ कहा। उसने कहा कि राजग ने पिछले नौ साल में लोगों के लिए कुछ नहीं किया।
वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने वालों में तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के एस अलागिरी, भाकपा के प्रदेश सचिव आर मुथरासन, माकपा के प्रदेश सचिव के बालाकृष्णन और वीसीके संस्थापक थोल तिरमावलावन थे।
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उन्होंने कहा कि भाजपा कई राज्यों में चुनाव हार रही है और 2024 के चुनाव के लिए वह लोकतांत्रिक ताकतों को कमजोर कर रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने अपनी पार्टी पर द्रमुक के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में पांच साल की जांच का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में पुलिस और ईडी को मामले में जांच की अनुमति दी थी और एजेंसी की कार्रवाई उसी दिशा में थी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर ऐसा है तो स्टालिन और उनके गठबंधन के नेता समझाएं कि राजनीतिक प्रतिशोध कैसे हुआ।’’
राज्य भाजपा में विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष के. पलानीस्वामी ने नैतिक आधार पर बालाजी का इस्तीफा मांगा।
भाजपा की राज्य इकाई ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के बदले की कार्रवाई के आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि ईडी का कदम नौकरियों के लिए नकदी घोटाले में चल रही जांच का हिस्सा था, जिसमें कथित रूप से बालाजी शामिल थे।
इस बीच, छापों को लेकर अन्नाद्रमुक नेता पलानीस्वामी ने स्टालिन पर निशाना साधा। अन्नाद्रमुक महासचिव ने याद दिलाया कि जब उनकी पार्टी की सरकार के समय 2016 में सचिवालय में आयकर छापे पड़े थे तो स्टालिन ने इसे अपमानजनक बताया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आज सचिवालय में एक मंत्री के चैंबर में ईडी के छापे पड़ रहे हैं। यह तमिलनाडु के लिए अपमानजनक है।’’
उन्होंने नैतिक आधार पर बालाजी के इस्तीफे की मांग की।
बालाजी की आलोचना करते हुए और उनके खिलाफ कार्रवाई को उचित ठहराते हुए अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने आरोप लगाया कि शराब के स्टॉक के प्रबंधन में अनियमितताएं की गयीं और अवैध बार संचालित किये जा रहे थे जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
जयकुमार ने कहा कि ईडी को एम्स के डॉक्टरों की मदद से बालाजी की सेहत की पड़ताल करानी चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।
बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से जुड़े हुए थे। वह तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे।