जम्मू-कश्मीर में शेष आतंकवाद व मादक पदार्थों के खतरे को समाप्त करने के प्रयास जारी : डीजीपी
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने सबसे निचले स्तर पर है और केंद्रशासित प्रदेश से शेष आतंकवाद एवं मादक पदार्थों के खतरे को समाप्त करने के प्रयास जारी हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जम्मू: जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने सबसे निचले स्तर पर है और केंद्रशासित प्रदेश से शेष आतंकवाद एवं मादक पदार्थों के खतरे को समाप्त करने के प्रयास जारी हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सिंह ने कहा कि करीब एक पखवाड़ा पहले दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान सफल था और मुठभेड़ के बाद घाटी के शांतिपूर्ण माहौल में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
उन्होंने रियासी जिले के कटरा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों के योगदान से (जम्मू-कश्मीर में) आतंकवाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। पुलिस और अन्य सुरक्षा बल, जिनका (आतंकवाद पर काबू पाने में) खासा योगदान है, इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में प्रयास जारी हैं।’’
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इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जम्मू) मुकेश सिंह भी उनके साथ थे।
डीजीपी सिंह ने माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर कटरा में नवनिर्मित ‘मॉड्यूलर’ थाना लोगों को समर्पित किया।
उन्होंने कहा, 'कोकेरनाग मुठभेड़ से पहले या बाद में, स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। लोगों को गलतफहमी है कि कहीं कोई घटना हुई और तूफान आ जाएगा। हम आतंकवादियों के समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और जंगल में उनके ठिकानों को ध्वस्त करने का प्रयास करते हैं।’’
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सिंह ने कहा, 'कोकेरनाग ऐसा अभियान था जहां हमें एक खास आतंकवादी की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली थी और हम उसका सफाया करने के लिए वहां गए थे। दुर्भाग्य से, जब आप उस स्थान से परिचित नहीं हैं और इंतजार कर रहे आतंकवादियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए... नुकसान दिखाई दे रहा था क्योंकि जो पहले गोली चलाता है, उसे फायदा होता है।''
उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में हम दुर्भाग्यशाली थे...एक कर्नल, एक मेजर, एक पुलिस उपाधीक्षक और एक सैनिक शहीद हो गए। मैं उन अधिकारियों और जवानों को सलाम करता हूं जिन्होंने इस अभियान में भाग लिया और अपने प्राणों की आहुति दी और खूंखार आतंकवादी उजैर खान (लश्कर-ए-तैयबा के) को मार गिराया जो इलाके में सक्रिय था।’’