दिल्ली में कड़ाके की ठंड से बिजली की मांग रिकॉर्ड 5,701 मेगावाट पर
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह कड़ाके की ठंड के साथ बिजली की मांग अबतक के रिकॉर्ड स्तर 5,701 मेगावाट पर पहुंच गयी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह कड़ाके की ठंड के साथ बिजली की मांग अबतक के रिकॉर्ड स्तर 5,701 मेगावाट पर पहुंच गयी।
दिल्ली के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के वास्तविक समय पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पूर्वाह्न 10.49 बजे बिजली की अधिकतम मांग 5,701 मेगावाट रही। बिजली वितरण कंपनियों ने इस सर्दी में बिजली की मांग 5,760 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना जताई है।
इससे पहले जाड़े में दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग पिछले बुधवार को 5,611 मेगावाट रही थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वितरण कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार, बिजली की मांग बढ़ने का मुख्य कारण सर्दी के साथ घरों को गर्म रखने वाले उपकरणों के लिए बिजली की मांग बढ़ना है।
यह भी पढ़ें |
Delhi: दिल्ली में कड़ाके की ठंड, बिजली की मांग ने तोड़ा रिकॉर्ड, पढ़िए पूरी खबर
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह पिछले पांच साल में इस दिन का न्यूनतम तापमान है।
बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि एक जनवरी से दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग लगभग 11 प्रतिशत बढ़ चुकी है।
टाटा पावर-दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पॉवर-डीडीएल) ने बयान में कहा कि उत्तर पश्चिमी भारत में सर्दी बढ़ने के साथ वितरण कंपनी ने बिना किसी बिजली आपूर्ति व्यवधान और नेटवर्क बाधा के 1,774 मेगावाट की अबतक की अधिकतम बिजली मांग को पूरा किया।
बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की वितरण कंपनियों बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लि.) और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लि.) ने अपने-अपने क्षेत्रों में क्रमश: 2,484 मेगावाट और 1,185 मेगावाट बिजली मांग को पूरा किया।
यह भी पढ़ें |
Delhi Winter : दिल्ली में हो गई ठंड की एंट्री, सीजन में पहली बार न्यूनतम पारा 16.1 डिग्री पर आया
उन्होंने कहा कि बीएसईएस क्षेत्रों में 3,600 मेगावाट से अधिक की अधिकतम शीतकालीन बिजली मांग का 60 प्रतिशत तक हरित ऊर्जा से पूरा किया जाएगा।
दिल्ली के उत्तरी भाग में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर-डीडीएल ने कहा कि सर्दी के इस मौसम में बिजली की अधिकतम मांग 1,800 मेगावाट पार करने का अनुमान। इसके लिए लम्बी अवधि के समझौतों किए गये हैं। कंपनी के पास दीर्घकालीन स्रोतों से पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध है, जो अधिकतम मांग को प्रभावी ढंग से पूरा करने में मददगार होंगे।