इस मौसम में दिल्ली से दिल लगाने की न करें भूल..नहीं तो हो जायेंगे इसका 'शिकार'

डीएन ब्यूरो

देश की राजधानी को दिल वालों की दिल्ली कहा जाता है लेकिन जिस तरह से अब यहां वातावरण प्रदूषित हो रहा है इससे इस मौसम में दिल्ली भ्रमण के लिये आने वाले लोगों के लिये यह किसी खतरे से कम नहीं है। एनजीटी और सीपीसीबी की सख्ती के बावजूद मुसीबत थम नहीं रही है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें दिल्ली में प्रदूषण का कैसे मंडरा रहा है खतरा

स्मॉग की चादर में खोया इंडिया गेट (फाइल फोटो)
स्मॉग की चादर में खोया इंडिया गेट (फाइल फोटो)


नई दिल्लीः आपने यह तो सुना ही होगा कि 'प्यार तेरा दिल्ली की सर्दी' और अब सर्दियों की शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन दिल्ली की सर्दी में अब प्यार नहीं बल्कि प्रदूषण घर कर गया है। एक बार फिर दिल्वाली का वातावरण प्रदूषित होने लगा है। यह कोई पहली बार नहीं है जब देश की राजधानी में हवा गुणवत्ता खराब हो रही है। पिछले 5-6 सालों से इसमें तेजी आयी है।

इसकी कई वजह सामने आई है जिसमें दिल्ली से सटे राज्यों जिनमें खासतौर पर पंजाब,हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली मुख्य कारण बताई जा रही हैं। यहीं नहीं दिल्ली में चारों तरफ बनी बहुमंजिला इमारतें और झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों के अलावा अनाधिकृत क्षेत्रों में बनाये गये मकान और यहां से निकलने वाली गंदगी भी दिल्ली की हवा को दूषित कर रही है।   

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स्मॉग कर रहा दिल को बीमार (फाइल फोटो)

 

दिल्ली में रविवार को जिस तरह से धुंध की चादर छाई रही इसे इस मौसम की अब तक की सबसे खराब वायु गुणवत्ता के तौर पर दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी किये गये आंकड़ों पर नजर दौड़ाये तो रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में सुबह वायु की गुणवत्ता सूचंकांक 381 दर्ज की गई  जो कि बेहद ही खराब श्रेणी में आता है।  

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यह इस मौसम का सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक है। यहीं नहीं एनसीआर के क्षेत्रों में गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता का स्तर काफी खराब देखा गया है। इससे अब यह आंकलन लगाया जा सकता है कि दिल्ली की आबोहवा किस तरह से यहां रहने वाले लोगों के लिये जानलेवा साबित हो रही है।      

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मॉस्क पहनकर दिल्ली भ्रमण करने पहुंचे विदेशी 

 

अब बात दिल्ली में घूमने के लिये आने वाले पर्यटकों की करें तो उन्हें इस मौसम में दिल्ली बीमार कर सकती है। इसलिये अगर नवंबर-दिसंबर में आप दिल्ली घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इसे कैंसल करने में ही भलाई है। दिल्ली में हवा में प्रदूषणकारी कुछ ऐसे तत्व घुल गये हैं जो कि महीन कड़ होते हैं यह हमें अपनी आंखों से नजर नहीं आता लेकिन आंखों में होने वाली जलन से इसको महसूस किया जा सकता है।     

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प्रदूषण के खिलाफ मुहिम (फाइल फोटो)

 

दिल्ली की खराब हो रही अाबोहवा के लिये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी ने भी कड़े कदम उठाये हैं लेकिन दिल्ली से सटे राज्यों में फसलों के अवशेष जलाने की वजह से भी दिल्ली अक्टूबर और नवंबर के महीने में ज्यादा प्रदूषित हो जाती है। साथ ही जो खुले में कूड़ा-करकट जलता है इससे भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। अब दिवाली भी नजदीक है और सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने पर पाबंदी को भी हटा दिया है। इससे अब दिवाली में दबाकर धूमधड़ाका होगा जिससे प्रदूषण और बढ़ेगा और दिल्ली एक बार फिर से प्रदूषण के आगोश में समा जायेगी।

 

 










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