ईपीएफओ के सदस्य तीन मई तक कर सकते हैं ऊंची पेंशन के लिए आवेदन

डीएन ब्यूरो

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य अपने नियोक्ताओं के साथ संयुक्त रूप से तीन मई, 2023 तक अधिक पेंशन का विकल्प चुनकर इसके लिए आवेदन कर सकेंगे।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


नयी दिल्ली:  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य अपने नियोक्ताओं के साथ संयुक्त रूप से तीन मई, 2023 तक अधिक पेंशन का विकल्प चुनकर इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए सेवानिवृत्ति कोष संगठन के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर आवेदन करना होगा।

पहले इस तरह की धारणा बनी थी कि ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तीन मार्च, 2023 है। ईपीएफओ के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर हाल में सक्रिय किए गए यूआरएल से स्पष्ट पता चलता है कि ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तीन मई, 2023 है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने चार नवंबर, 2022 को अपने आदेश में कहा था कि ईपीएफओ को सभी पात्र सदस्यों को ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने का समय देना होगा। यह चार माह की अवधि तीन मार्च, 2023 को समाप्त हो रही है। इससे यह धारणा बनी थी कि इसकी अंतिम समयसीमा तीन मार्च, 2023 है।

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पिछले सप्ताह ईपीएफओ ने इसकी प्रक्रिया का ब्योरा जारी किया था। इसमें बताया गया था कि अंशधारक और उनके नियोक्ता संयुक्त रूप से कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत ऊंची पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

नवंबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी।

ईपीएफओ ने इस बारे में अपने फील्ड कार्यालयों को एक सर्कुलर जारी किया है।

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ईपीएफओ ने कहा था कि ऐसी सुविधा प्रदान की जाएगी जिससे यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) की सूचना जल्द दी जाएगी। इसके बाद क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त नोटिस बोर्ड पर एक उचित नोटिस और बैनर लगाएंगे जिससे सार्वजनिक रूप से इसकी जानकारी दी जा सके।

इसके तहत प्रत्येक आवेदन को पंजीकृत किया जाएगा और डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा तथा रसीद संख्या प्रदान की जाएगी। क्षेत्रीय भविष्य निधि कोष कार्यालय के प्रभारी प्रत्येक संयुक्त विकल्प मामले की समीक्षा करेंगे। इसके बाद आवदेक को ई-मेल/डाक और बाद में एसएमएस से फैसले के बारे में जानकारी दी जाएगी।










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