सावन स्पेशल: इटावा का श्री हजारी महादेव मंदिर सरसई.. जहां महाभारत काल में युधिष्ठिर ने की थी शिवलिंग की स्थापना

डीएन ब्यूरो

इटावा में सिथ्त श्री हजारी महादेव मंदिर सरसई नावर में मौजूद एक ही शिवलिंग पर 1000 शिवलिंग स्थापित हैं, जिसकी स्थापना महाभारत काल में वनवास काट रहे पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर द्वारा कराई गई थी। सावन के महीने में यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। पूरी खबर..

श्री हजारी महादेव मंदिर सरसई
श्री हजारी महादेव मंदिर सरसई


इटावा: श्री हजारी महादेव मंदिर सरसई नावर में सावन और शिवरात्रि के पर्व पर हजारों की संख्या में कांवरियां और श्रद्धालु मनोकामना पूरी होने के बाद हर साल महादेव पर कांवर चढ़ाने पहुंचते हैं। महाभारत कालीन यह मंदिर वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर के कई आध्यात्मिक कहानियां जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यहां मौजूद शिवलिंग की स्थापना महाभारत काल में राजा युधिष्ठिर द्वारा कराई दयी थी। यहां सोमवार को उमड़ी शिव भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। 

 

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इटावा-मैनपुरी के बीच किशनी के पास सड़क से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री हजारी महादेव मंदिर सरसई नावर में एक शिवलिंग पर 1000 शिवलिंग स्थापित है और इनकी प्रतिष्ठा महाभारत काल में वनवास काट रहे पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर द्वारा कराई थी। सावन के महीने में यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।

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यहां पर बने शंकर जी की मूर्ति की स्थापना महाभारत काल में उस समय की गयी थी, जब पांडवों को वनवास दिया गया था। कहा जाता है कि पांडव वनवास के समय यहां आए थे और यहां स्थित झील के किनारे ही पांडवों ने यक्ष के प्रश्नों का उत्तर दिया था, जिसके बाद पांडव सही उत्तर न देने पर मूर्छित हो गए थे। युधिष्ठिर ने जब यक्ष के सारे प्रश्नों के उत्तर दे दिए थे, तो उसके बाद यहां महादेव की स्थापना की गई थी। यहां एक नहीं 1000 शिवलिंग मौजूद है, जिनमें लोगों की भारी आस्था है। 

इस ऐतिहासिक मंदिर में प्रतिवर्ष मेला लगता है, जहां इटावा प्रशासन सावन के समय चुस्त-दुरुस्त रहकर अपना कार्य करता है। यहां बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु आते है और भगवान से मन्नतें मांगते है, जिसके बाद फिर कई लोग अगले साल आते है, जो दर्शाता है कि लोगों की मन्नतें पूरी हो गयी हैं। 










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