फ़क़ीर’ का जादू - झोले से एयरपोर्ट निकाला, अडानी के कब्ज़े में डाला

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’ वाली कहावत प्रधानमंत्री के ‘पसंदीदा मित्र’ गौतम अडाणी पर लागू नहीं होती, क्योंकि आज जमीन, समंदर और आसमान सब उनका है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी


नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’ वाली कहावत प्रधानमंत्री के ‘पसंदीदा मित्र’ गौतम अडाणी पर लागू नहीं होती, क्योंकि आज जमीन, समंदर और आसमान सब उनका है।

राहुल गांधी ने ‘मित्रकाल: अडाणी की उड़ान’ श्रृंखला के तहत एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘‘फ़क़ीर’ का जादू - झोले से एयरपोर्ट निकाला, अडानी के कब्ज़े में डाला!’’

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुंबई समेत देश के छह प्रमुख हवाई अड्डे नियमों को ताक पर रखकर और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके अडाणी समूह को दिए गए।

उन्होंने वीडियो में कहा, ‘‘संसद में मैंने सच्चाई बोली। नरेन्द्र मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में सच्चाई बोली। हिंदुस्तान के धन को किस तरह लूटा जा रहा है, उस बारे में सबूत देकर सच्चाई बोली। मेरी टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया।’’

राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री द्वारा उन पर निशाना साधने के लिए दुष्यंत कुमार की रचना की दो पंक्तियों का उल्लेख किए जाने को लेकर भी जवाबी प्रहार किया । प्रधानमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं?’’

इसका जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी ने शायद दुष्यंत जी की कविता की ये दो पंक्तियां नहीं पढ़ीं हैं: ‘‘मैं बेपनाह अंधेरे को सुबह कैसे कहूं, मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं।’’

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कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं व्यवसाय के खिलाफ नहीं हूं। मैं व्यवसाय के पक्ष में हूं, लेकिन एकाधिकार और ‘जादू’ के खिलाफ हूं। कौन सा जादू? 609 वें सबसे अमीर से दूसरा सबसे अमीर बनने का जादू ? चार क्षेत्रों से 14 क्षेत्रों में व्यवसाय बढ़ाने का जादू ? और छह हवाई अड्डे हासिल करने का जादू?’’

उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘कहते हैं कि हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, लेकिन यह बात प्रधानमंत्री के पसंदीदा मित्र पर लागू नहीं होती। यहां जमीन, समंदर और आसमान सब उनका (अडाणी) है।’’

उन्होंने दावा किया मित्रकाल में हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़क, रक्षा बलों, मीडिया, कोयले, बिजली और पूरी सरकार पर उनका कब्जा है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति जिसके पास हवाई अड्डे संचालित करने का कोई अनुभव नहीं था, उसे छह सबसे प्रमुख हवाई अड्डे सौंप दिए गए।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘एक ही व्यक्ति को छह हवाई अड्डे क्यों दिए गए? वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की आपत्तियों को नजरअंदाज क्यों किया गया? राजस्व मॉडल को क्यों बदला और किसने बदला?’’

राहुल गांधी ने पिछले दिनों लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अडाणी समूह के संदर्भ में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से जुड़े प्रकरण को लेकर कई आरोप लगाए थे, जिसे बाद में सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।

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उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कई दिनों की तरह सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड को कम से कम मुख्य सूचकांकों में संदिग्ध कंपनियों की स्थितियों की समीक्षा को सुनिश्चित कर ख़ुदरा निवेशकों का संरक्षण नहीं करना चाहिए?

उन्होंने सवाल किया, ‘‘एनएसई अडाणी समूह की कंपनियों में पैसा गंवाने वाले लाखों निवेशकों के घावों पर नमक क्यों छिड़क रही है? उसे जोख़िम भरे अडाणी के शेयरों में और निवेशकों को खींचने की अनुमति क्यों दी जा रही है? क्या आप (प्रधानमंत्री) अपने मित्रों की मदद के लिए एनएसई सूचकांक सलाहकार समिति के सदस्य, जो आपके आर्थिक सलाहकार परिषद में भी हैं, के माध्यम से एनएसई पर कोई दबाव डाल रहे हैं?’’

रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘अडाणी के कारनामे भारत में समूचे ‘ईएसजी निवेश’ की थीम को कैसे बर्बाद कर सकते हैं, इसकी जांच के लिए सेबी को कौन रोक रहा है?’’ भाषा हक हक दिलीप

दिलीप










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