Bharat Bandh: कृषि कानूनों के खिलाफ कल किसानों का पूरे देश में भारत बंद, जानिये इसका प्रभाव

डीएन ब्यूरो

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर कल शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में पढिये भारत बंद के असर के बारे में

कृषि कानून वापस लेने की हो रही मांग
कृषि कानून वापस लेने की हो रही मांग


नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चार महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने कल यानि 26 मार्च को एक बार फिर भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों ने कल सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक भारत बंद की घोषणा की है। भारत बंद के दौरान किसानों ने बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि को बंद रखने का ऐलान किया है। हालांकि किसानों का कहना है कि वे कल के भारत बेंद में सड़क, रेल यातायात आदि को प्रभावित नहीं करेंगे।

किसान संगठनों द्वारा बुलाये गये भारत बंद में देश के किसान शामिल होंगे। हालांकि औद्योगिक संगठनों, ट्रेड यूनियनों और ट्रांसपोर्टरों द्वारा भारत बंद में शामिल होने को लेकर असमंजस बना हुआ है। भारत बंद में देश के व्यापारी शामिल होंगे या नहीं, इसको लेकर भी अभी तक स्पष्ट नहीं है।

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किसानों ने कल 12 घंटे के भारत बंद के दौरान देश भर की दुकानों, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को स्वैच्छिक तौर पर बंद रखने का आह्वान किया है। ऐसे में यदि बाजार बंद रहते हैं तो कई तरह की आवश्यक वस्तुओं का सप्लाई बाधित हो सकती है।

किसानों के भारत बंद का उद्देश्य नये कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना है। देश भर के किसान पिछले 120 दिनों से केंद्र सरकार से नये कृषि कानूनों का वापस लेने की मांग कर रहे है। इसको लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन हर बातचीत बेनतीजा साबित रही है। किसान संगठन इससे पहले भी भारत बंद कर चुके है लेकिन सरकार पर इसका कोई खासा असर सामने नहीं आया। 

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