किसानों की मेहनत ने उप्र को देश की 'आर्थिक महाशक्ति' के रूप में स्थापित किया: आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत राज्य को देश में ‘आर्थिक महाशक्ति’ के रूप में स्थापित कर रही है और इस बात पर भी प्रकाश डाला कि गांव अब प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत राज्य को देश में ‘आर्थिक महाशक्ति’ के रूप में स्थापित कर रही है और इस बात पर भी प्रकाश डाला कि गांव अब प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और श्रमिक शासन के एजेंडे का हिस्सा हो सकते हैं, देश ने बीते नौ साल में यह पहली बार महसूस किया है।
उन्होंने कहा कि किसान और श्रमिक किसी जाति, मत और मजहब के नहीं होते, बल्कि वे अपने परिश्रम से समाज की जरूरतों को पूरा करने वाले और देश-दुनिया का पेट भरने वाले होते हैं।
उन्होंने कहा कि उप्र के किसानों के परिश्रम के कारण आज प्रदेश देश में आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।
ये बातें बुधवार को लोक भवन में प्रधानमंत्री (पीएम) किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को जोड़ने के एक बृहद अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
इस दौरान उन्होंने किसानों को कृषि सुविधाओं का त्वरित लाभ देने के लिए संचालित ‘दर्शन पोर्टल’ के लोगो की शुरुआत की और विभिन्न सेवाओं एवं अनुदान के लिए कृषक पंजीकरण का शुभारंभ भी किया।
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एक बयान के मुताबिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 2.63 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ चुके हैं।
बयान के मुताबिक अब तक उत्तर प्रदेश में 55 हजार 800 करोड़ की धनराशि पीएम किसान निधि सम्मान के रूप में प्रदेश के किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद उन्हें कुछ किसानों से यह सुनने को मिलता था कि उन तक पैसा नहीं पहुंच रहा है, इसलिए सत्यापन (ऑथेंटिफिकेशन) की कार्यवाही को बृहद स्तर पर शुरू किया जा रहा है, ताकि शत प्रतिशत पात्र किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने कहा कि आज से प्रदेश के सभी 55 हजार ग्राम पंचायतों में इस बड़े अभियान की शुरुआत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का उपयोग भ्रष्टाचार पर प्रहार कर सकता है तो जरूरतमंदों को शासन की सुविधाओं का लाभ भी पहुंचा सकता है।
इस अभियान में पोस्ट ऑफिस, कृषि और राजस्व विभाग के लोग जुड़कर गांव-गांव में पात्र किसानों को योजना से जोड़ने के महाअभियान में जुटेंगे। हर गांव में प्रचार के साथ इसे आगे बढ़ाने का काम शुरू किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों की सूरत आज बदल चुकी है और भूमि दस्तावेज को काफी हद तक डिजिटलाइज किया जा चुका है। इसकी वजह से गांव के झगड़े समाप्ति की ओर हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के माध्यम से किसान को घरौनी उपलब्ध कराके मालिकाना हक प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि उप्र में अबतक 56 लााख घरौनी उपलब्ध कराई जा चुकी है और इस वर्ष के अंत तक डेढ़ करोड़ परिवारों को घरौनियां प्रदान कर दी जाएंगी जिनके सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
आदित्यनाथ ने कहा कि यह बृहद अभियान किसानों को सम्मान देने का महाअभियान है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से जुड़ी सभी संस्थाएं इसे बृहद पैमाने पर लगू करेंगी जिससे किसानों की ओर से आने वाली शिकायतों का समाधान होगा।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि 10 जून के बाद उप्र का कोई किसान इस प्रकार की शिकायत नहीं करेगा कि वह योजना के लाभ से वंचित रह गया।