Kisan Andolan: जिंद में किसानों की महापंचायत, मोदी सरकार के खिलाफ चलेगा गांव-गांव अभियान, जानिये हर ताजा अपडेट

डीएन ब्यूरो

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी प्रदर्शन के बीच आज हरियाणा के जिंद में किसानों की महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें राकेश टिकैत समेत 50 खापों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। जानिये किसान आंदोलन से जुड़ा ताजा अपडेट

महापंचायत में राकेश टिकैत समेत 50 खापों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
महापंचायत में राकेश टिकैत समेत 50 खापों के प्रतिनिधि होंगे शामिल


नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है और किसान अब मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिये नये रणनीति बनाते जा रहे हैं। संसद से लेकर सड़क तक हर जगह किसान आंदोलन पर चर्चा जारी है। जारी आंदोलन के बीच आज हरियाणा के जिंद में किसानों की महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत 50 खापों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस महापंचायत में किसान आंदोलन को लेकर नई रणनीति बनाई जायेगी।

गांव-गांव अभियान

किसानों के जारी आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार को घरने के लिये नई रणनीति का ऐलान किया है। किसान मोर्चा का कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ 3 से 10 फरवरी गांव-गांव अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान देश के कई गांवों में चलाया जायेगा।

कृषि कानूनों की वापसी तक शांत न बैठने का ऐलान 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन का फिर एक बार समर्थन करते हुए कहा कि कृषि कानूनों की वापसी तक पंजाब शांत नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को नये कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा।  

कृषि कानूनों को निरस्त करने और कानूनी गारंटी की मांग

आज बुधवार को जींद में कंडेला गांव में हो रही किसान महापंचायत पर सभी की नजरें टिक गई है। कार्यक्रम के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। राकेश टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इसमें शामिल होंगे। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा होगा। महापंचायत में कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग की जाएगी।

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छह फरवरी को चक्काजाम 

हरियाणा के बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी हिसार जिले के उकलाना में छह फरवरी को किसान यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समर्थन करने को कहा है। चढूनी ने किसानों के आंदोलन के मुख्य स्थलों में से एक गाजीपुर में प्रवेश रोकने के लिए बड़े-बड़े अवरोधक लगाए जाने की आलोचना की।
 










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