Farrukhabad: रामगंगा पर बने 50 साल पुराने पुलों को खतरा, भारी बारिश के बीच झेल रहे लाखों टन का दबाव

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में प्रवेश के लिए एक ओर रामगंगा तो दूसरी ओर काली नदी के पुल को पार करना मजबूरी है। उसके बाद शहर में प्रवेश करने के लिए गंगा नदी का पुल भी पार करना जरूरी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रामगंगा पर बने 50 साल पुराने पुलों को खतरा
रामगंगा पर बने 50 साल पुराने पुलों को खतरा


उत्तर प्रदेश: फर्रुखाबाद जनपद में प्रवेश के लिए एक ओर रामगंगा तो दूसरी ओर काली नदी के पुल को पार करना मजबूरी है। उसके बाद शहर में प्रवेश  करने के लिए गंगा नदी का पुल भी पार करना जरूरी है। गंगा और रामगंगा पुल लगभग 48 साल पुराने हैं। जबकि खुदागंज का काली नदी का उधरनपुर पुल तो लगभग 56 वर्ष पुराना है। 

काली नदी पुल के नवनिर्माण के संबंध में शासन के निर्देश पर 12.25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सेतु निगम तैयार कर चुका है। हालांकि गंगा व रामगंगा पुलों के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित होने के चलते पीडब्ल्यूडी फिलहाल जिम्मेदारी से बच गया है। पांचाल घाट पर बने गंगा पुल के फुटपाथ पर बनी दरारें और नीचे पिलर पर लगे रोलरों की स्थिति अपनी कहानी खुद बयां कर रहे हैं।

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आमतौर पर पुलों की उम्र लगभग पचास वर्ष होती है। रामगंगा पुल का निर्माण वर्ष 1970-76 में तो गंगा पुल का निर्माण 1971-75 के बीच हुआ। वहीं फर्रुखाबाद छिबरामऊ रोड पर उधरनपुर में बना काली नदी पुल का निर्माण वर्ष 1965-68 के बीच हुआ। जाहिर है गंगा व रामगंगा के पुल तो अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं। जबकि काली नदी पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका है। अब इसे निर्माण की कोताही कहें या रखरखाव की अनदेखी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार तीनों पुलों पर आयु का प्रभाव और रखरखाव की अनदेखी के निशान साफ नजर आ रहे हैं। पांचालघाट स्थित गंगा पुल के फुटपाथ से लेकर मुख्य भाग तक दो गर्डर के बीच में चौड़ी दरारें हैं। पुल के नीचे से देखने पर बीम बियरिंग की स्थिति भी खराब नजर आती है। इन पर जमी मोटी जंग दूर से ही दिखती है। विगत चार-पांच दशक में इन पुलों पर यातायात का दबाव कई गुना बढ़ चुका है।

इटावा बरेली हाईवे पर पड़ने वाले गंगा व रामगंगा पुलों पर तो नेशनल हाईवे का निर्माण पूरा होने पर भारी वाहनों का दबाव और बढ़ जाएगा। छिबरामऊ मुख्य मार्ग पर स्थित काली नदी पुल पर भी यातायात का दबाव पहले ही अधिक है।

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लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुरलीधर बताते हैं कि हाल ही में अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में सभी विभागीय पुलों की जांच कर ली गई है। सभी पुल कार्यशील स्थिति में हैं। उधरनपुर पुल की अधिवर्षता के संबंध में पूर्व में भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर शासन के निर्देश पर अब सेतु निगम ने इस पुल के पुनर्निर्माण के लिए 12.25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अपनी कार्ययोजना में शामिल कर लिया है। 










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