फतेहपुर: पीड़ित ने लेखपाल पर लगाया भूमिधारी जमीन को पड़ोसी महिला के नाम पर करने का आरोप
यूपी के फतेहपुर में एक व्यक्ति ने लेखपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए अधिकारियों को शिकायत दी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
फतेहपुर: थाना क्षेत्र के महावतपुर असहट गांव में लेखपाल पर पीड़ित की भूमिधरी जमीन को पड़ोसी महिला के नाम वरासत कर देने का आरोप लगा है। पीड़ित को जब तक मामले की जानकारी होती तब तक महिला ने जमीन को बेच दिया। जिसके बाद पीड़ित किसान ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की। लेकिन आज तक पीड़ित को न्याय नहीं मिल सका है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार महावतपुर असहट गांव निवासी दीनदयाल को आज से करीब चालीस साल पहले गुजर बसर करने के लिए पट्टे की जमीन मिली थी। जिस पर पीड़ित परिवार गुजर बसर करता था।
कुछ दिन बाद वह जमीन दीनदयाल के नाम दाखिल भी हो गई कुछ दिन बाद दीनदयाल की मौत हो गई। दीनदयाल की मौत के बाद उस जमीन पर उसके लडके बदलू का कब्जा हो गया। हाल ही में कुछ वर्ष पहले बदलू की भी मौत हो गई। इसके बाद जमीन पर बदलू के लड़के फूलचंद गुजर बसर करने लगा। किसी कारण वश जमीन इनके नाम नहीं हो सकी।
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लेकिन लेखपाल की लापरवाही से पीड़ित की वह जमीन भी उसके हाथ से निकल गई। लेखपाल की मिलीभगत से जमीन पड़ोस के रहने वाली एक महिला के नाम वरासत हो गई। पीड़ित ने बताया कि पड़ोसी महिला ने लेखपाल से मिल कर जमीन अपने नाम करा बेच ली।
बताया जा रहा है कि लेखपाल ने बिना सत्यापन किए ही दीनदयाल की जमीन को फर्जी तरीके से पडोस की रहने वाली महिला सुंदरियां के नाम कर दी। महिला के नाम जमीन आते ही महिला ने जमीन को बेच दिया।
जिसके बाद पीड़ित किसान फूलचंद को मामले की जानकारी हुई। जिस पर पीड़ित किसान ने कोर्ट पहुंच कर आपात्ति दायर की। पीड़ित किसान फूलचंद ने कई बार मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की लेकिन अभी तक पीड़ित को न्याय नहीं मिल सका है।
वहीं मामले में एसडीएम अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो मामले की जांच करा कार्यवाही की जाएगी।
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जिलाधिकारी के सामने दस्तावेज नहीं दिखा सका था लेखपाल
लोकसभा चुनाव से पहले सम्पूर्ण समाधान दिवस में की गई शिकायत पर जिलाधिकारी ने लेखपाल से वरासत करने के दस्तावेज मांगे थे। जिस पर लेखपाल दस्तावेज भी नहीं दिखा सका था। उस दौरान जिलाधिकारी ने लेखपाल को फटकार लगाते हुए पीड़ित किसान के नाम जमीन वरासत करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से पीड़ित लगातार न्याय के लिए दौड़ रहा है। पर पीड़ित को आज तक न्याय नहीं मिल सका है।