त्योहारों का उपयोग जल संरक्षण के लिए हो: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता बढाने के लिए त्योहारों का उपयोग करने पर जोर दिया है ।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता बढाने के लिए त्योहारों का उपयोग करने पर जोर दिया है । पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में ‘ मन की बात’ की दूसरी कड़ी में आज कहा, “ त्योहारों का समय आ गया है। त्योहारों के अवसर पर कई मेले भी लगते हैं। जल संरक्षण के लिए क्यों ना इन मेलों का भी उपयोग करें। मेलों में समाज के हर वर्ग के लोग पहुँचते हैं। इन मेलों में पानी बचाने का सन्देश हम बड़े ही प्रभावी ढंग से दे सकते हैं, प्रदर्शनी लगा सकते हैं, नुक्कड़ नाटक कर सकते हैं, उत्सवों के साथ-साथ जल संरक्षण का सन्देश बहुत आसानी से हम पहुँचा सकते हैं। ”
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प्रधानमंत्री ने कहा , “मैं अनुभव कर रहा हूँ कि पानी के विषय में इन दिनों हिन्दुस्तान के दिलों को झकझोर दिया है। जल संरक्षण को लेकर, देशभर में अनेक विद, प्रभावी प्रयास चल रहे हैं। ” उन्होंने कहा कि लोगों ने पारंपरिक तौर-तरीकों के बारे में जानकारियाँ साझा की हैं। मीडिया ने जल संरक्षण पर कई नवाचार अभियान शुरू किये हैं। सरकार हो या गैर सरकारी संगठन युद्ध स्तर पर कुछ-ना-कुछ कर रहे हैं। सामूहिकता का सामर्थ्य देखकर,मन को बहुत अच्छा लग रहा है, बहुत संतोष हो रहा है। उन्होंने जल संरक्षण के संबंध में झारखण्ड का उदाहरण देते हुए कहा कि में रांची से कुछ दूर, ओरमांझी प्रखण्ड के आरा केरम गाँव में वहाँ के ग्रामीणों ने जल प्रबंधन को लेकर जो हौंसला दिखाया है, वह हर किसी के लिए मिसाल बन गया है। ग्रामीणों ने श्रम दान करके पहाड़ से बहते झरने को एक निश्चित दिशा देने का काम किया।
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PM Narendra Modi in #MannKiBaat: It is the season of festivals. Many fairs are held on these occasions. Why don’t we use these fairs to spread the message of water conservation? https://t.co/hXVRKQTOSU
— ANI (@ANI) July 28, 2019
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वह भी शुद्ध देसी तरीका से । इससे ना केवल मिट्टी का कटाव और फसल की बर्बादी रुकी है, बल्कि खेतों को भी पानी मिल रहा है। ग्रामीणों का ये श्रम दान, अब पूरे गाँव के लिए जीवन दान से कम नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का खूबसूरत राज्य मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने अपनी जल-नीति तैयार की है। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार को बधाई दी । उन्होंने कहा कि हरियाणा में उन फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनमें कम पानी की जरुरत होती है और किसान का भी कोई नुकसान नहीं होता है। उन्होंने हरियाणा सरकार को विशेष रूप से बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के साथ संवाद करके उन्हें परम्परागत खेती से हटकर कम पानी वाली फसलों के लिए प्रेरित किया। (वार्ता)