गोरखपुर दीवानी कचहरी में वकीलों के दो गुटों में जमकर मारपीट, यूपी बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष और सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित 16 के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR, पुलिसिया छावनी बनी कचहरी
गोरखपुर जनपद के दीवानी कचहरी में आपसी विवाद को लेकर अधिवक्ताओं के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई है। कैंट थाने में पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर 16 नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
गोरखपुरः पिछले दो दिनों से गोरखपुर दीवानी कचहरी का तापमान उफान पर है। गुरुवार की दोपहर को आपसी विवाद को लेकर अधिवक्ताओं के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस मामले में कैंट पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर FIR दर्ज की है। विवाद के बाद मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गयी है।
पहली एफआईआर देवीशरण चतुर्वेदी पुत्र स्व शंभू चौबे निवासी अहिरौली थाना कैंपियरगंज की तरफ से मुकदमा अपराध संख्या 204/2024 धारा 147, 148, 149, 307, 323 व 506 के अंतर्गत पंजीकृत करायी गयी है। इसमें 8 नामजद तथा कई अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर राकेश गिरी, मधूसूदन त्रिपाठी, हिमांशू त्रिपाठी, आत्मा दुबे, नितेश मिश्रा, आन्जनेय मणि त्रिपाठी, देव यादव, रवि दूबे व कई अन्य अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है। इनमें मधुसूदन त्रिपाठी, बार कौंसिल ऑफ यूपी के पूर्व अध्यक्ष हैं। इस तहरीर में देवीशरण चतुर्वेदी ने लिखा है कि चार अप्रैल को दोपहर 1.45 बजे वे बार एसोसिएशन के सभागार में जा रहे थे तभी पहले से वहां मौजूद राकेश गिरी ने हमला कर पिस्टल तान दिया, जब बीच-बचाव का प्रयास अवधेश राय व मुकेश राय ने किया तो वहां मधुसूदन त्रिपाठी, हिमांशू त्रिपाठी, आत्मा दूबे, नितेश मिश्रा, आन्जनेय मणि त्रिपाठी, देव यादव, रवि दूबे आदि के द्वारा मार पीट की गयी।
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इसी मामले से जुड़ी दूसरी एफआईआर मुकदमा अपराध संख्या 205/2024 धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 427 व 394 के अंतर्गत पंजीकृत की गयी है। इसमें 8 लोगों को नामजद किया गया है। यह केस राकेश गिरि, पूर्व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता की तरफ से पंजीकृत कराया गया है। इसमें भानु पांडेय, धीरेंद्र द्विवेदी, अतुल, देवीशरण चतुर्वेदी, अवधेश राय, शिवव्रत, सुमित और मानू पांडेय को नामजद किया गया है। इसमें भानु पांडेय गोरखपुर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष हैं। तहरीर में राकेश गिरी ने लिखा है कि वे 25 वर्ष से वकालत कर रहे हैं। बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट स्थित लाल बिल्डिंग गिराने का विरोध कर रहा था तथा पिछले कार्यकाल में 1 करोड़ 67 लाख के घोटाले के विरोध में साधारण सभा के बैठक की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने 3 अप्रैल से क्रमिक अनशन कर रहा था। अनशन स्थल पर एक बजे दिन में भानु प्रताप पांडेय, धीरेंद्र द्विवेदी, अतुल, देवीशरण चतुर्वेदी, अवधेश राय, शिवव्रत राय, सुमित व मानू लाठी डंडा लेकर मारने पीटने लगे और अनशन का बैनर फाड़ दिया। इसके दूसरे दिन 4 अप्रैल को डेढ़ बजे उक्त लोग फिर द्वारिकाधीश मणि त्रिपाठी सहित पहुंचे और हमारे ऊपर हमला कर दिया। मेरे तख्ते और कुर्सी मेज को भी तोड़ दिया।
पुलिस कर रही है जांच
दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच पुलिस कर रही है।
कचहरी में तनाव
कचहरी को पूरी तरह पुलिसिया छावनी में तब्दील कर दिया गया है ताकि दोबारा कोई विवाद नहीं हो लेकिन मौके पर तनाव बरकरार है।
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गोरखपुर की सीओ कैंट का बयान
इस मामले में डाइनामाइट न्यूज़ ने गोरखपुर की सीओ कैंट अंशिका वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि वकीलों के दो गुटों में अंदरुनी मामले को लेकर विवाद हुआ है। कचहरी के अंदर एक बिल्डिंग बननी है, इसमें एक पक्ष चाहता है बिल्डिंग बने और दूसरा पक्ष चाहता है बिल्डिंग न बने। इसी को लकर विवाद हुआ है। दोनों पक्षों का मुकदमा लिखा गया है। आगे की जांच जारी है।