आर्थिक संकट जूझ रहे पाकिस्तान में शीर्ष न्यायपालिका में भी अब दिख रही दरारें, जानें क्या है मामला

डीएन ब्यूरो

पाकिस्तान में पहले से जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच देश की शीर्ष न्यायपालिका में भी अब दरारें दिखने लगी हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पहले से जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच देश की शीर्ष न्यायपालिका में भी अब दरारें दिखने लगी हैं। सोमवार को शीर्ष अदालत के दो न्यायाधीशों ने पीठ का गठन करने और स्वत:संज्ञान नोटिस लेने की प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों को चुनौती दी।

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति जमाल खान मंदोखैल ने इस महीने की शुरुआत में विस्तृत रूप से लिखे गए अपनी अस्वीकृति वाले फैसले में प्रधान न्यायाधीश को प्राप्त ‘वन मैन शो’ वाली शक्तियों की समीक्षा करने की मांग की।

यह भी पढ़ें | Pakistan: आतंकी हमलों से दहला पाकिस्तान, बलूचिस्तान में 15 की मौत , मची चीख-पुकार

उनका फैसला प्रधान न्यायाधीश उमर एटा बांदियाल द्वारा 22 फरवरी को पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रातों में चुनावों के संबंध में लिए गए स्वत: संज्ञान नोटिस के मुकदमे पर था।

न्यायालय के पांच सदस्यीय पीठ ने एक मार्च को 3-2 के बहुमत से पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग को पंजाब में चुनाव के लिए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और केपी में चुनान के लिए गवर्नर गुलाम अली से संपर्क करने का निर्देश दिया।

यह भी पढ़ें | भारत: Pak-China संयुक्त वक्त्तव्य में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख को किया खारिज

न्यायमूर्ति शाह और न्यायमूर्ति मंदोखैल का फैसला बहुमत से इतर था जिसने चुनाव आयोग को किसी प्रकार की राजनीतिक दिक्कत होने पर 90 दिन की तय सीमा से बेहद कम ऊपर-नीचे करते हुए चुनाव कार्यक्रम तय करने को कहा था।










संबंधित समाचार