पूर्व प्रधानमंत्री Dr. Manmohan Singh का निधन, जानें उनकी 5 बड़ी उपलब्धियां
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया। डाइनामाइट न्यूज़ पर जानें उनकी 5 बड़ी उपलब्धियां
नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया। 92 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।
AIIMS ने खुद उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि डॉ. सिंह ने रात 9 बजकर 51 मिनट पर दुनिया को अलविदा कह दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 26, 2024
➡️92 साल की उम्र में हुआ निधन
➡️रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर पोस्ट कर दी जानकारी pic.twitter.com/MbXD4MO3m1
डॉ. सिंह का जाना भारतीय राजनीति और आर्थिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
डॉ. मनमोहन सिंह की गिनती देश के सबसे कुशल और ईमानदार नेताओं में होती थी। उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक करियर में ऐसे कई निर्णय लिए, जिन्होंने भारत की दिशा और दशा बदलने में अहम भूमिका निभाई। आज हम उनके जीवन और योगदान को याद करते हुए उनकी 5 बड़ी उपलब्धियों के बारे में जानेंगे।
1. भारत में आर्थिक उदारीकरण का सूत्रपात
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डॉ. मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी उपलब्धि 1991 में भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बने। उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका था, और देश पर भारी कर्ज का दबाव था। ऐसे में डॉ. सिंह ने साहसिक निर्णय लेते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण (LPG) के मार्ग पर ले जाने का काम किया। इन सुधारों ने भारत को एक नई आर्थिक ताकत बनने का मार्ग प्रशस्त किया।
2. सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीकॉम क्षेत्र में क्रांति
डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश में आईटी और टेलीकॉम क्रांति को बढ़ावा दिया। उनके कार्यकाल में भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की। बीपीओ और आईटी उद्योग ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए। टेलीकॉम सेक्टर में सुधार ने देश के कोने-कोने तक मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाई।
3. ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)
डॉ. सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2006 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) लागू किया। यह योजना ग्रामीण भारत के गरीब परिवारों को 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करती है। इस योजना ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम करने में मदद की, बल्कि ग्रामीण विकास को भी गति दी।
4. परमाणु समझौता और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
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डॉ. सिंह की दूरदर्शिता का सबसे बड़ा उदाहरण 2008 में हुआ भारत-अमेरिका परमाणु समझौता है। यह समझौता भारत को सिविलियन परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके जरिए देश में ऊर्जा संकट को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की नींव रखी गई। हालांकि इस समझौते को लेकर राजनीतिक विरोध भी हुआ, लेकिन डॉ. सिंह ने अपने निर्णय से पीछे नहीं हटे।
5. शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार
डॉ. सिंह के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में भी कई बड़े सुधार हुए। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) लागू किया, जिससे 6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की गारंटी दी गई।
व्यक्तित्व और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी, ईमानदारी और विद्वता के लिए याद किया जाता है। एक कुशल प्रशासक और नीतिकार होने के साथ-साथ वह एक संवेदनशील नेता भी थे। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत की।
डॉ. सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक युग का अंत है। उनके द्वारा किए गए कार्य और सुधार लंबे समय तक देश को प्रेरित करते रहेंगे।