जी-20 देश और वैश्विक स्तर पर कौशल मानचित्रण कर सकते हैं, जानिये पीएम मोदी का पूरा बयान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जी-20 देश वैश्विक स्तर पर कौशल मानचित्रण कर सकते हैं, उन कमियों को दूर कर सकते हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है और अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
पुणे: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जी-20 देश वैश्विक स्तर पर कौशल मानचित्रण कर सकते हैं, उन कमियों को दूर कर सकते हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है और अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पुणे में जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने प्रौद्योगिकी द्वारा पेश किए गए अवसरों और इससे उत्पन्न चुनौतियों के बीच सही संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक में पिछले कई महीनों में किए गए व्यापक विचार-विमर्श की परिणति के रूप में जी-20 देशों के मंत्री अंतिम दस्तावेजों को भी अंगीकार करेंगे। ये दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक रूपरेखा के तौर पर काम करेंगे और सभी शिक्षार्थियों के लिए समावेशी और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समन्वित कार्यों का मार्गदर्शन करेंगे।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जी-20 देश वैश्विक स्तर पर कौशल मानचित्रण कर सकते हैं और उन कमियों को दूर कर सकते हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। डिजिटल तकनीक एक समानता के रूप में कार्य करती है और समावेशिता को बढ़ावा देती है। यह शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में बेहद कारगर भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीखने, कौशल और शिक्षा के क्षेत्र में आज कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) बहुत अवसर प्रदान करती है लेकिन प्रौद्योगिकी चुनौतियां भी पेश करती है। हमें सही संतुलन बनाना होगा। जी-20 इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।’’
शिक्षा कार्य समूह ने चेन्नई, अमृतसर, भुवनेश्वर और पुणे में चार बैठकों के दौरान, विविध वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए समावेशी समाधान और सामूहिक कार्यों को खोजने पर ध्यान केंद्रित किया।
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इसमें चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर जोर दिया गया । ये क्षेत्र मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करना, विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में, तकनीक-सक्षम शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणात्मक और सहयोगी बनाना; काम के भविष्य के संदर्भ में क्षमताओं का निर्माण और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना; अनुसंधान को मजबूत करना और सहयोग तथा साझेदारी को बढ़ाने के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देना आदि हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘जी-20 देश अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, खासकर ग्लोबल साउथ के बीच। मैं आप सभी से अनुसंधान सहयोग बढ़ाने के लिए एक रास्ता बनाने का आग्रह करता हूं। यह बैठक हमारे बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि समूह ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में तेजी लाने के लिए बदलाव, डिजिटल परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण की पहचान की है। मुझे विश्वास है कि समूह एक समावेशी, कार्रवाई-उन्मुख और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा एजेंडा के साथ सामने आएगा। इससे वसुधैव कुटुंबकम की सच्ची भावना से पूरी दुनिया को लाभ होगा।’’