जोहानिसबर्ग में तीन साल के बाद 'गांधी वॉक' का आयोजन

डीएन ब्यूरो

दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग शहर के लेनासिया उपनगर में रविवार को वार्षिक 'गांधी वॉक' के 35वें संस्करण का आयोजन किया गया। छह किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में दो हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गांधी वॉक
गांधी वॉक


 

जोहानिसबर्ग:  दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग शहर के लेनासिया उपनगर में रविवार को वार्षिक 'गांधी वॉक' के 35वें संस्करण का आयोजन किया गया। छह किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में दो हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक वर्ष 2020 में प्रस्तावित 'गांधी वॉक' से लगभग एक महीने पहले कोविड-19 महामारी की दस्तक के मद्देनजर गांधी वॉक समिति ने इस पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया था।

यह भी पढ़ें | महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी के लिए दक्षिण अफ्रीका में श्रद्धांजलि सभा, जानिये पूरा अपडेट

खबरों के मुताबिक, 2020 में 'गांधी वॉक' के दो प्रारूप आयोजित करने की योजना थी, जिनमें धावकों के लिए 15 किलोमीटर, जबकि आम लोगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पांच किलोमीटर लंबी पदयात्रा शामिल थी।

खबरों के अनुसार, 2020 में प्रस्तावित 'गांधी वॉक' से जुड़ी तैयारियों पर बड़ी धनराशि खर्च हुई थी और लगभग चार हजार लोगों ने इसमें हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण कराया था। देश के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने इस पदयात्रा के लिए निर्धारित तारीख से एक पखवाड़े पहले संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी।

रामाफोसा पिछली बार इस वार्षिक आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे और उन्होंने सामाजिक एकता एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए गांधी वॉक समिति की सराहना की थी।

यह भी पढ़ें | BRICS Leaders Retreat: पीएम मोदी ‘ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट’ में हुए शामिल, पांच देशों के समूह से की इन मुद्दों पर चर्चा

रविवार को आयोजित 'गांधी वॉक' में महात्मा गांधी के हमशक्ल हरिवर्दन पीतांबर एक बार फिर शामिल हुए। वह इस पदयात्रा के मुख्य आकर्षण रहे। बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को उनके साथ सेल्फी लेते देखा गया।

पीतांबर ने सफेद धोती और चश्मा पहनकर तथा हाथ में छड़ी थामकर पदयात्रा में हिस्सा लिया। रामाफोसा ने उनकी तरफ इशारा करते हुए कहा, 'मुझे आमंत्रित करने, इस महान एवं अद्भुत गांधी वॉक का हिस्सा बनाने और विशेष रूप से ठीक मेरे बगल में खड़े व्यक्ति (महात्मा गांधी के हमशक्ल) के साथ खड़े होने का मौका देने के लिए धन्यवाद।'

 










संबंधित समाचार