Ganesh Chaturthi 2022: ऐसे मूषक बना भगवान गणेश का वाहन, जानिये इसके पीछे की कथा

डीएन ब्यूरो

ये तो सभी को मालूम है कि भगवान गणेश का वाहन मूषक यानी चूहा होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान गणेश ने किस वजह से चूहे को अपने वाहन के रूप में चुना। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें क्या है इसके पीछे की वजह

भगवान गणेश का वाहन चूहे होने की कथा
भगवान गणेश का वाहन चूहे होने की कथा


नई दिल्ली: गणेश महोत्सव का पर्व महाराष्ट्र में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है।

हिन्दी महीने के भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश महोत्सव की शुरूआत होती है और दस दिनों तक इस त्योहार की धूम मची रहती है।

ये तो सभी को मालूम है कि भगवान गणेश का वाहन मूषक यानी चूहा होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान गणेश ने किस वजह से चूहे को अपने वाहन के रूप में चुना। आइए हम आपको बताते हैं कि भगवान गणेश के वाहन के पीछे की क्या कहानी है।

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ये है पहली कथा

पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान गणेश, गजमुखासुर नाम के असुर से युद्ध कर रहे थे। गजमुखासुर को वरदान मिला था कि उसे किसी भी अस्त्र से मारा नहीं जा सकता तो उस भगवान गणेश ने अपने एक दांत से वार किया था। उनके वार से बचने के लिए वह असुर चूहा बनकर भागने लगा तो भगवान गणेश ने उसे पकड़ लिया। असुर के माफी मांगने पर भगवान गणेश ने उसे अपना वाहन बनाकर जीवनदान दे दिया।

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ये है दूसरी कथा

भगवान गणेश का वाहन चूहा होने की एक वजह द्वापर युग में भी मिलता है। द्वापर युग में वर्णित कथा के अनुसार एक बलवान मूषक ने महर्षि पराशर के आश्रम में काफी तबाही मचा दी। चूहे ने ऋषियों के वस्त्र और ग्रंथों को भी कुतर कर खराब कर दिया। चूहे की इस हरकत से परेशान होकर महर्षि पराशर ने भगवान गणेश से सहायता मांगी। इसके बाद वह चूहे को पकड़ने पहुंचे। उसको पकड़ने के बाद भगवान गणेश ने चूहे से कहा कि तुम मेरी शरण में हो, जो मांगना चाहो मांग सकते हो। इस पर चूहे ने कहा मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए लेकिन आप मुझसे कुछ भी मांग सकते हैं। इसके बाद भगवान गणेश ने चूहे से कहा कि तुम मेरा वाहन बन जाओ और इस तरह चूहा भगवान गणेश का वाहन बन गया।










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