गोरखपुर के मूर्तिकारों के सामने त्योहारी सीजन में गहराया बड़ा संकट, ऑर्डर्स का भारी अकाल, जानिये कारण
इस बार गोरखपुर के मूर्तिकारों के सामने त्योहारी सीजन में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ऑर्डर्स की कमी के कारण मूर्तिकारों का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो गया है। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
गोरखपुर: त्योहारी सीजन जैसे-जैसे करीब आ रहा है, गोरखपुर के मूर्तिकारों की चिंताएं बड़ी होती जा रही है। पत्थर-मिट्टी, लकड़ी आदि में जान फूंककर अद्भुत कलाकृति का निर्माण करने के वाले मूर्तिकार इस बार अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने के अलावा कई और नई चुनौतियां भी मुंह उठाने लगी है। ऑर्डर्स के भारी अकाल ने उनके पारंपरिक व्यवसाय को नये खतरे में डाल दिया है।
यूं तो गोरखपुर के मूर्तिकारों के सामने यह संकट उस समय से ही खड़ा हो गया था, जब देश और दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में आयी। लॉकडाउन के चलते अन्य व्यवसाय की ही तरह इनका व्यवसाय भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ। लेकिन मूर्तिकारों को उम्मीद थी कि दशहरा, दुर्गा पूजा, दीपावली जैसा बड़ा त्योहारी सीजन शुरू होते ही उनकी गाड़ी फिर पटरी पर लौट आयेगी लेकिन कोरोना काल में पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे बाजार में इस बार मूर्तियों के खरीदार जैसे गायब हो गये हैं।
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ग्राहकों की कमी के कारण इस बार मूर्तिकार शानदार कलाकृतियों को भी औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो गये है। हालत यह है कि मूर्ति बनाने के लिये बाजार से खरीदे गये कच्चे माल का भुगतान करना भी उनके लिये भारी पड़ रहा है। कर्ज के बोझ तले दबते ये मूर्तिकार जिन कलाकृतियों को पहले 10 हजार रूपये में बेचते थे अब मजबूरी के चलते 2 से 3 हजार रूपये में बेचने को विवश हैं।
कई पीढियों के मूर्ति बनाने और बेचने का काम कर रहे युवा शिल्पकार बलराम ने डाइनामाइट न्यूज संवाददाता से बातचीत में कहा कि दुर्गा पूजा, दीवाली, दशहरे जैसे त्योहारी सीजन में देश भर के ग्राहक मूर्तियों की खरीदारी के लिये गोरखपुर पहुंचते थे लेकिन इस बार ग्राहकों की भारी कमी है। कोरोना ने हर व्यवसायी और मूर्तिकार के कारोबार की कमर तोड़ दी है। मूर्तियों की मांग में 70 से 80 फीसदी की गिरावट है, जिससे रोजाना खर्चे निकालने भी मुश्किल हो गया है। कई मूर्तिकार तो इस कदर परेशान हो गये हैं कि वे इस व्यवसाय को छोड़कर अन्य व्यवसाय अपनाने लगे हैं।
Idol makers in Gorakhpur say their businesses are badly hit due to COVID-19 pandemic. "We are making only small idols this year for installation at home, that too only on demand. Idols that we used to sell for Rs 10,000 are being sold just for Rs 3,000." (06.10.2020) pic.twitter.com/0ud4cCIDnf
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— ANI UP (@ANINewsUP) October 6, 2020
गोरखपुर के एक अन्य मूर्तिकार का कहना है कि कोविड-19 के कारण हम इस साल घर के इस्तेमाल होने वाली सिर्फ छोटी मूर्तियां ही बना रहे हैं। वो भी मांग पर, पहले जिन मूर्तियों को हम 10 हजार तक में बेचते थे उन्हें अब 3 हजार रुपये में बेचना पड़ रहा है। यहां का हर मूर्तिकार इसी तरह की समस्या से जूझ रहा है।