गोरखपुर: एसडीएम शिवम सिंह ने पास की यूपीएससी परीक्षा, बने आईएएस अधिकारी
यूपी सरकार में खजनी में एसडीएम के रूप में अपनी सेवाए दे रहे शिवम सिंह यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बन गए हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: संघ लोक सेवा आयोग ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए अंतिम परिणाम जारी कर दिया है, जिसमें 1016 आवेदकों ने सफलता पाई है। एसडीएम खजनी शिवम सिंह को मिला 877 वी रैंक हासिल हुई है। अब शिवम सिंह PCS से IAS रैंक के अधिकारी बन गए है।
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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मृदुल भाषी शिवम सिंह रायबरेली के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह के छोटे सुपुत्र है।
रायबरेली के शिवम बेहद साधारण परिवार में जन्मे हैं। शिवम सिंह ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते पहली ही बार मे सूबे की पीसीएस परीक्षा में 38 वी रैंक हासिल की थी, अब सिविल सर्विस परीक्षा में 877 वी रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया।
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अब देखना है कि रैंक के हिसाब से केडर कौन सा मिलता है। श्री सिंह वर्तमान में खजनी तहसील के उप जिलाधिकारी के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं। यह जानकारी होने पर खजनी एसडीएम के सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम आने के बाद 877 वी रैंक हासिल हुआ है ।
माता - पिता ने कहा कि बेटे की मेहनत रंग लाई है।
शिवम सिंह ने बातचीत में बताया कि अभी देखना होगा कि केडर कौन सा मिलता है और किस पद पर नियुक्ति मिलती है उसी हिसाब से अपना निर्णय लेंगे।
मृदुल भाषी सिंह कभी अपने पद का घमंड नहीं किया जिसका नतीजा रहा कि आज सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम आने के बाद भी किसी तरह का गुरुर नही है।
सिंह ने कहा कि दिए गए दायित्वों का बखूबी से निर्वहन कर रहा हूं और आगे भी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए देश की सेवा करूंगा।
रायबरेली शहर के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह विकास भवन के बाहर सालों से छोटी सी स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं
अपनी कामयाबी का श्रेय मां-बाप को देते हुए शिवम सिंह कहते हैं कि उनकी ही बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और सही मायने में बंधाई के पात्र वही दोनों लोग हैं। शहर के सेंट पीटर्स स्कूल के छात्र रहे शिवम कहते हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद पिता ने पढ़ाई में कोई अड़चन आड़े नही आने दी।
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12वीं के बाद लखनऊ के एक निजी इंजीनियर कॉलेज से बीटेक पढ़ाई पूरी की फिर धनबाद के आईआईटी से एमटेक करने का अवसर मिला।
एमटेक करने के दौरान ही निजी कंपनी में प्लेसमेंट हुआ पर उसमें ज्वॉइन न करते हुए सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गए वैसे तो शिवम सिंह का एक ही सपना था। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में हमारा चयन हो और वर्तमान में जो रैंक श्री सिंह ने सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम में पाया है उनको इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में जाने के लिए कोई अणचन नहीं आएगी।
सिंह के माता-पिता ने भावुक होते हुए बताया कि हमारा छोटा बेटा शिवम अपने पढ़ाई के बदौलत नंबर एक पर हमेशा रहता था । पहले तो 2019 में पीसीएस की परीक्षा में 38 वी रैंक हासिल किया था अब सिविल सर्विस की परीक्षा के अंतिम परिणाम में 877 वीं रैंक हासिल कर हमारे मान सम्मान को और बढ़ाने का कार्य किया है ।
सिंह अभी यूपी सरकार के अधीनस्थ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अब भारत सरकार के अधीनस्थ अपनी सेवा देते हुए देश के विकास कार्यों में अपना अहम योगदान देने का कार्य करेगा।