सरकार ने पहलवानों को बातचीत के लिये बुलाया, जानिये मामले पर क्या बोली कांग्रेस
कांग्रेस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को सरकार द्वारा बातचीत के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद बुधवार को कहा कि वह पहलवानों को न्याय मिलने तक उनके साथ खड़ी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को सरकार द्वारा बातचीत के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद बुधवार को कहा कि वह पहलवानों को न्याय मिलने तक उनके साथ खड़ी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि सरकार से बातचीत के बाद पहलवान जो भी रुख अपनाएंगे, कांग्रेस उसके साथ रहेगी।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ दिन बाद सरकार ने बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को आधी रात के बाद ट्वीट किया, “सरकार, पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छुक है। मैंने पहलवानों को एक बार फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।”
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हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस पार्टी का रुख साफ है। हमारी यही मांग है कि हमारी बेटियों को न्याय मिलना चाहिए। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम तब तक बेटियों का साथ देंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महिला पहलवानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उनकी आवाज कुचलने के लिए पूरे तंत्र को खुला छोड़ दिया गया है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, “सरकार से बातचीत के बाद पहलवान जो भी रुख अपनाएंगे, हम उसके साथ रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “पहले दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की और पहलवानों को उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा। अगर किसी की बहन-बेटी के साथ अन्याय होता है और आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सांसद है, तो क्या उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी?”
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हुड्डा ने कहा, “यह पहला उदाहरण है कि ऐसे मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई। आने वाले समय में इस मामले का उदाहरण देकर और बेटियों पर अत्याचार हो सकता है। यह सरकार देश में बेटियों के लिए कैसा वातावरण बना रही है।”
उन्होंने कहा, “जब महिला पहलवान अपने पदक विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गईं, तो सरकार की तरफ से किसी ने भी अपील नहीं की कि वे ऐसा नहीं करें। सरकार की ओर से कम से कम एक बयान आ सकता था कि आपके साथ न्याय होगा।”
हुड्डा ने दावा किया, “ऐसा लगता है कि सरकारी तंत्र को पहलवानों की आवाज कुचलने के लिए खुला छोड़ दिया गया है। दुर्भाग्य की बात है कि इनका मीडिया ट्रायल किया जा रहा है।”