Congress Slams Modi Govt.: न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी को लेकर कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अपने ‘‘वैचारिक आकाओं’’ के अनुकूल लोगों की नियुक्ति होने तक ‘‘फूट डालकर और गतिरोध पैदा करके’’ न्यायाधीशों की नियुक्तियों में जानबूझकर देरी कर रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला (फाइल)
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला (फाइल)


नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार अपने ‘‘वैचारिक आकाओं’’ के अनुकूल लोगों की नियुक्ति होने तक ‘‘फूट डालकर और गतिरोध पैदा करके’’ न्यायाधीशों की नियुक्तियों में जानबूझकर देरी कर रही है।

पार्टी की यह नयी टिप्पणी तब आयी है जब एक दिन पहले उसने कहा कि सरकार न्यायपालिका पर पूरी तरह कब्जा जमाने की कवायद के तौर पर उसे धमका रही है और उसने आरोप लगाया कि कॉलेजियम प्रणाली के पुनर्गठन का कानून मंत्री किरेन रीजीजू का सुझाव न्यायपालिका के लिए ‘‘जहर’’ है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार नामित न्यायाधीशों को अधर में लटकाने के लिए ‘‘कॉलेजियम की सिफारिशों को महीने तथा वर्षों तक जानबूझकर रोकने’’ की नीति अपना रही है।

उन्होंने कहा कि यह ‘‘सरकार द्वारा जवाबदेही से बचने तथा न्यायपालिका पर कब्जा जमाने के इरादे से किया गया हमला है।’’

यह भी पढ़ें | महराजगंज: कांग्रेसियों ने कहा- किसानों को ठगने का काम कर रही है केंद्र सरकार

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री, कानून मंत्री और अन्य संवैधानिक प्राधिकारी एक योजना के तहत न्यायपालिका की अखंडता और स्वतंत्रता पर जानबूझकर हमला कर रहे हैं। इसका अंतर्निहित और स्पष्ट उद्देश्य न्यायपालिका पर कब्जा जमाना है ताकि सरकार को अदालत द्वारा उसके मनमाने कृत्यों के लिए जवाबदेह न ठहराया जाए।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘इरादा मोदी सरकार तथा उसके वैचारिक आकाओं की विचारधारा के अनुकूल लोगों के सूची में शामिल होने तक फूट डालकर और गतिरोध पैदा करके न्यायाधीशों की नियुक्तियों में जानबूझकर देरी करने का है।’’

कांग्रेस का यह बयान तब आया है जब कानून मंत्री रीजीजू ने भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय कॉलेजियम में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया है।

सुरजेवाला ने कहा कि कानून मंत्री के अनुसार ही दिसंबर 2022 तक उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के छह पद और उच्च न्यायालय में 333 पद खाली हैं।

यह भी पढ़ें | EIA 2020 ड्राफ्ट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को घेरा, कही ये बात

उन्होंने दावा किया, ‘‘विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए की गयी 21 नामों की सिफारिश में से अभी तक भाजपा सरकार ने कॉलेजियम को 19 नाम पुनर्विचार के लिए लौटा दिए हैं। वह भी तब जब कॉलेजियम ने 10 नाम दोहराए हैं। यह साफ है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता है। बहरहाल, सत्तारूढ़ सरकार की शत्रुता और पूर्वाग्रह को न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादले की प्रक्रिया में रोड़े अटकाने नहीं दिए जाने चाहिए।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि प्रत्येक भारतीय अपनी आवाज उठाए।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ न्यायिक स्वतंत्रता के लिए खड़े होइए और आवाज उठाइए।’’










संबंधित समाचार