स्वास्थ्य मंत्री: वैध बूचड़खानों को डरने की जरूरत नहीं है
मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ने जो फैसला लिया था वह था अवैध बूचड़खानों को बंद करने का। इसके बाद से ही उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए सैंकड़ो अवैध बूचड़खानों पर ताला लगवा दिया। वही इस फैसले से नाराज़ गोश्त व्यापारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है।
लखनऊ: उत्तरप्रदेश में बूचड़खानों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई से सभी चिकन और मीट कारोबारी परेशान हैं। प्रदेश में चल रहे बूचड़ाखानों के बंदी के विरोध में मीट कारोबारियों ने सोमवार को भी दुकानें बंद रखने का आह्वान किया है। इस बंद में केवल मीट व्यापारी ही नहीं, बल्कि मछली और चिकन कारोबारी भी शामिल है। मुर्गे और बकरे के मीट की दुकानें रविवार को बंद रहीं। सभी दुकानें बंद होने के कारण मीट की खरीदारी नहीं हुई। दुकानें बंद होने से होटलों में मीट की सप्लाई न के बराबर हो रही है।
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इस बीच, यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा, यूपी के अवैध बूचड़खानों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी, लेकिन वैध बूचड़खानों को डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ उनके खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी जो गलत काम करते हैं।
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पिछले कई दिनों से ही यूपी के कई शहरों में योगी सरकार के इस फैसले का विरोध हो रहा है। शनिवार और रविवार भी कई दुकानें बंद रही और सड़कों पर व्यापारियों ने विरोध जताया। शहर में 100 से अधिक अवैध मीट शॉप संचालित हो रही थीं, लेकिन प्रशासन इस तरफ आंख मूंदे हुए था। अब आदेश मिलते ही एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) हरकत में आया। ताबड़तोड़ छापेमारी में 16 अवैध मीट शॉप बंद करा दी गईं। एफएसडीए के मुताबिक इन दुकानों के पास खाद्य लाइसेंस नहीं था।