अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मृत्युदंड देने की एनआईए की याचिका पर फरवरी में सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की आतंकी वित्तपोषण मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई 14 फरवरी के लिये सूचीबद्ध कर दी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की आतंकी वित्तपोषण मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई 14 फरवरी के लिये सूचीबद्ध कर दी।
अदालत ने निर्देश दिया कि दोषी पाया गया मलिक अदालत की कार्यवाही में डिजिटल माध्यम से शामिल होगा।
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यह देखते हुए कि मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ, न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और शलिंदर कौर की पीठ ने मामले को अगले साल 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
उच्च न्यायालय ने 29 मई को आतंकी वित्तपोषण मामले में मौत की सजा की मांग करने वाली एनआईए की याचिका पर मलिक को नोटिस जारी किया था और अगली तारीख पर उसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
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इसके बाद, जेल अधिकारियों ने एक आवेदन दाखिल कर उसे डिजिटल माध्यम से पेश करने का अनुरोध किया था, जिसे उच्च न्यायालय ने मंजूर कर लिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार यहां की एक निचली अदालत ने 24 मई, 2022 को मलिक को कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और भादंवि के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।