कोटा में छात्रों के लिए स्थापित हेल्प डेस्क को 350 से अधिक शिकायतें मिलीं

डीएन ब्यूरो

राजस्थान में कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की मदद के लिए दो महीने पहले स्थापित हेल्प डेस्क को 373 शिकायतें मिली हैं और अवसाद से ग्रसित छात्रों को पेशेवर परामर्श एवं चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कोटा में छात्रों के लिए स्थापित हेल्प डेस्क को 350 से अधिक शिकायतें मिलीं
कोटा में छात्रों के लिए स्थापित हेल्प डेस्क को 350 से अधिक शिकायतें मिलीं


कोटा (राजस्थान):  राजस्थान में कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की मदद के लिए दो महीने पहले स्थापित हेल्प डेस्क को 373 शिकायतें मिली हैं और अवसाद से ग्रसित छात्रों को पेशेवर परामर्श एवं चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने बताया कि कोटा के कोचिंग संस्थानों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किए जाने की घटनाओं में वृद्धि के बाद कोटा प्रशासन ने सितंबर में कई कदम उठाए थे।

अधिकारियों ने बताया कि तनाव मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बीच कोचिंग संस्थानों में छात्रों को लगभग एक महीने के लिए नियमित परीक्षाओं से छूट दी गई और प्रसिद्ध प्रेरक वक्ताओं ने छात्रों के साथ कई सत्र आयोजित किए।

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा हेल्प डेस्क जेईई और नीट परीक्षार्थियों के साथ अनौपचारिक तरीके से लगातार काम कर रहा है और चिंताजनक मामलों की पहचान कर रहा है।

सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चंद्रशील ठाकुर ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि सितंबर और अक्टूबर में प्राप्त कुल 373 शिकायतों में से 35 तनाव और अवसाद से संबंधित थीं, जिसका समाधान पेशेवर परामर्शदाताओं ने किया।

हेल्प डेस्क के प्रभारी ठाकुर ने कहा कि अन्य शिकायतें ज्यादातर फीस वापसी, छात्रावास के भोजनालय में भोजन की खराब गुणवत्ता, सोशल मीडिया पोस्ट और अवांछित कॉल से संबंधित थीं।

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कोटा में इस साल अब तक आत्महत्या के 26 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकतर आत्महत्याएं ‘पेइंग गेस्ट रूम’ या छात्रावास में हुईं, जो उच्च-स्तरीय समितियों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन और स्थानीय अधिकारियों द्वारा निगरानी में भारी खामियों को उजागर करती हैं।

अधिकारियों ने बताया कि करीब दो महीनों से कोचिंग संस्थानों के छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

 










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