Delhi Budget 2025 : दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने पेश किया एतिहासिक बजट, इन चीजों को लेकर दिखाई सख्ती
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में दिल्ली का एतिहासिक बजट पेश किया है। जिसमें कुछ प्रमुख योजनाएं भी लाईं गईं है। क्या है पूरी खबर पढ़े डाइनामाइट न्यूज कि रिपोर्ट।

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में वर्ष 2025-2026 का बजट पेश किया जो ऐतिहासिक एक लाख करोड़ रुपये का है। इस दौरान उन्होंने 2 घंटे 18 मिनट की अवधि में अपने पहले बजट भाषण में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। बजट के केंद्र में यमुना के जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना शामिल है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि अब कोई भी अवैध प्रवासी दिल्ली की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएगा।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, यह बजट खास तौर पर राजधानी दिल्ली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें शिक्षा पर 19 फीसदी यानी 19,291 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य पर 12 फीसदी यानी 12,893 करोड़ रुपये और बुनियादी ढांचे के विकास पर 12,952 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके तहत परिवहन और सड़क निर्माण पर काफी पैसा खर्च किया जाएगा। अन्य प्रमुख क्षेत्रों में आवास क्षेत्र के लिए 10,694 करोड़ रुपये और यमुना की सफाई के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कर से कैसे आएंगे 71000 करोड़
इस बजट के तहत 1 लाख करोड़ रुपये में से 71,000 करोड़ रुपये दिल्ली के कर राजस्व से आएंगे, जबकि 4,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे। बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें औद्योगिक विकास के साथ-साथ निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
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यमुना की सफाई के लिए 9000 करोड़ रुपये निर्धारित
यमुना की सफाई के लिए 9,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। नजफगढ़ नाले के समाधान के लिए भी 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे यमुना में प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सरकार ने 100 करोड़ रुपये की राशि से नए अस्पताल बनाने की घोषणा की है और स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने की योजना है।
शिक्षा के लिए 19000 करोड़ रुपए आवंटित
शिक्षा क्षेत्र में 'शिक्षा के लिए सभी' योजना के तहत 24-25 के लिए बजट को 16,396 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 19,000 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया गया है। परिवहन के लिए बजट को 7,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 12,000 करोड़ रुपए करने की योजना बनाई गई है। पर्यटन, कला, भाषा और संस्कृति के विकास के लिए 117 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
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दिल्ली की ब्रांडिंग को बढ़ावा
दिल्ली की ब्रांडिंग को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ रुपए का फंड रखा गया है और मैथिली और भोजपुरी बोर्ड के लिए फंड को दोगुना कर दिया गया है। सामाजिक सुरक्षा और विकास के तहत झुग्गी-झोपड़ियों के विकास के लिए 667 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। सार्वजनिक परिवहन के तहत 5,000 इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना बनाई गई है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।
बिजली, सतत विकास और हरित विकास के लिए 3,837 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस बजट में स्मार्ट और सुशासन पर भी ध्यान दिया गया है। 'परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' योजना के तहत केंद्रीकृत कमांड और कंट्रोल सिस्टम के लिए 200 करोड़ रुपए का निर्णायक बजट रखा गया है। इसके साथ ही आवश्यक न्यायालय भवनों के जीर्णोद्धार के लिए 900 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं और जेलों के निर्माण के लिए अलग से धनराशि आवंटित की गई है। इस तरह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली की भविष्य की योजनाओं को मजबूत करने के लिए एक समग्र और सर्वसमावेशी बजट पेश किया है।