लालू यादव का चारा घोटाला.. इस तरह हुआ उजागर

डीएन ब्यूरो

बिहार में 1990-96 के बीच उजागर हुए करीब 950 करोड़ रूपये के चारा घोटाले ने एक बार देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था और लालू यादव इस घोटाले के पर्याय बन गये थे, जाने..कैसे उजागर हुआ चारा घोटाला

कोर्ट के फैसले के बाद भीड़ से घिरे लालू यादव
कोर्ट के फैसले के बाद भीड़ से घिरे लालू यादव


नई दिल्ली: लगभग दो दशक पहले देश की सियासत को हिला कर रख देने वाले बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले में रांची की सीबीआई अदालत ने बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट द्वारा लालू यादव की सजा का ऐलान 3 जनवरी को किया जायेगा। लालू यादव को पुलिस कस्टडी में जेल भेजा गया है। 

हम आपको बता रहे हैं चारा घोटाला के बारे से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी, आखिर कैसे उजागर हुआ करीब 950 करोड़ रूपये का यह घोटाला। 

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950 करोड़ रुपये का यह घोटाला 1996 में सामने आया था। इसमें घोटाले में जानवरों के खिलाने वाला चारा, दवाएं और पशुपालन से जुड़े तमाम उपकरणों के पैसों में भारी गड़बड़ी की गई थी।
यह बहुचर्चित चारा घोटाला 1990 के दौरान उस समय किया गया, जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। बिहार के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने जब 1996 में पशुपालन विभाग के दफ्तरों जब छापेमारी की तो यह घोटाला उजागर हुआ। इस छापेमारी में कई ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चला कि 1990 के दशक में ऐसी कंपनियों को सरकारी कोषागार से चारा आपूर्ति के नाम पर पैसे जारी किए गए, जो थी ही नहीं। फर्जीवाड़ा करके सरकारी राजस्व को जमकर लूटा गया था। 

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इसमें घोटाले में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा,  कई नौकरशाह, नेता और कई अन्य लोगों के नाम सामने आये थे।

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चारा घोटाला उजागर हेने के बाद मार्च 1996 में पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के आदेश दिये थे। हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दी थी। 1997 में सीबीआई ने लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए बिहार के राज्यपाल से औपचारिक अनुरोध किया, जिसे बरी झंड़ी दी गयी। 2001 में बिहार से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को झारखंड को ट्रांसफर कर दिया। 2002 से इस मामले में सुनवाई चल रही है।

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2012-13 में चारा घोटाले से जुड़े मामले में 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 31 के खिलाफ बांका और भागलपुर कोषागार में हुई धोखाधड़ी मामले में आरोप तय किए। साल 2013 में इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई और 500 लोगों को दोषी पाया गया और कई अदालतों ने उनको सजा सुनाई। इसी साल अक्टूबर महीने में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के लालू प्रसाद यादव और सहित 22 लोगों को सजा सुनाई गई। इस मामले में लालू यादव समेत अब तक 22 लोगों के खिलाफ आरोप तय किये जा चुके है। आज इन सभी के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया गया जिसमे से 7 लोगों को बरी कर दिया गया, जबकि लालू यादव समेत15 को दोषी करार दिया गया।


 

 










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