कूनो राष्ट्रीय उद्यान के कोर एरिया से बंदूक के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया शिकारी, जानें क्या हुआ आगे

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के कोर एरिया से हाल ही में एक शिकारी को गिरफ्तार किया गया है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


भोपाल: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के कोर एरिया से हाल ही में एक शिकारी को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मालूम हो कि केएनपी में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को रखा गया है।

वनमंडल अधिकारी पीके वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए शिकारी आलम मोगिया के पास से एक बंदूक भी बरामद की गई है, जिसे उसने इलाके में नदी के किनारे जमीन के नीचे गाड़ रखा था। उसकी निशानदेही पर इसे बरामद किया गया।

उन्होंने कहा कि मोगिया (40) केएनपी के आसपास रहता है। वह देश में चीता को एक बार फिर बसाने की योजना के तहत केएनपी में चीतों को लाए जाने के बाद से संरक्षित वन से पकड़ा जाने वाला चौथा शिकारी है।

वर्मा ने बताया कि मोगिया को 16 अप्रैल को केएनपी के कोर एरिया में पकड़ा गया था, लेकिन हमने उसके दो सहयोगियों का पता लगाने के लिए उसकी हिरासत को गुप्त रखा। उसके दोनों सहयोगी अभी भी फरार हैं।

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उन्होंने कहा कि मोगिया ने वर्तमान में तो कोई शिकार नहीं किया है, लेकिन उसने अतीत में कई जानवरों का शिकार करने की बात कबूली है।

वर्मा के मुताबिक, चीता को एक बार फिर बसाने की परियोजना शुरू होने के बाद से गिरफ्तार किए गए सभी चार शिकारी मांसाहारी जानवरों को मारने में शामिल नहीं थे।

उन्होंने कहा कि हालांकि, इन शिकारियों ने शाकाहारी जानवरों का शिकार करने के लिए वहां फंदे लगाए थे।

वर्मा ने कहा, ‘‘हमने मोगिया से पूछताछ की। उसका किसी भी बड़े शिकारी गिरोह से कोई संबंध नहीं है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,  दिसंबर 2022 में एक बाघ का शव मध्य प्रदेश के पन्ना बाघ अभयारण्य के पास एक क्लच-वायर के फंदे में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया था। अधिकारियों को संदेह था कि उसकी मौत में शिकारियों का हाथ है।

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चीता पुनर्स्थापन परियोजना के तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों और इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के केएनपी में स्थानांतरित किया गया था। इन 20 चीतों में से दो चीतों की मौत हो गई है, जिससे इनकी संख्या घटकर 18 रह गई है।

नामीबिया से लाए गए ‘साशा’ नाम के एक चीते की 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वहीं, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए ‘उदय’ नाम के चीते की मौत शुरुआती जांच के अनुसार, हृदय एवं फेफड़ों के काम बंद करने के कारण हुई।

हालांकि, ‘सियाया’ नाम की एक मादा चीता ने हाल ही में केएनपी में चार शावकों को जन्म दिया है।










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